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एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व शिक्षामंत्री राकेशधर का डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र खारिज किया Prayagraj News

आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में प्रदेश के पूर्व शिक्षामंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर केस चल रहा है। इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने उनका डिस्‍चार्ज प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 12:33 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 12:33 PM (IST)
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व शिक्षामंत्री राकेशधर का डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र खारिज किया Prayagraj News
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व शिक्षामंत्री राकेशधर का डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र खारिज किया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व शिक्षामंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ आरोप 28 अगस्त को तय किए जाएंगे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मामला चल रहा है। अभियुक्त के डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र को विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने खारिज कर दिया है। साथ ही आरोप तय किए जाने के बिंदु पर सुनवाई तिथि 28 अगस्त मुकर्रर की। इस दिन अभियुक्त की उपस्थित रहने का भी आदेश दिया गया है।

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आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला है पूर्व मंत्री पर

पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के विरुद्ध मुटठीगंज थाने में 18 जून 2013 को निरीक्षक उत्तर प्रदेश सर्तकता अधिष्ठान की प्रयागराज इकाई ने आय से अधिक संपत्ति रखने का प्रकरण दर्ज कराया था। जांच में उन्हें दोषी पाया गया। अभियुक्त की तरफ से मामले में बरी किए जाने का प्रार्थनापत्र दिया गया। कहा गया कि विवेचना व संकलित साक्ष्य ग्र्राह्यï करने के उपरांत भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप सिद्ध नहीं हो रहा है। विवेचक ने उधार में ली गई धनराशि आय में जोड़ ली गई। साथ ही पत्नी प्रमिला त्रिपाठी की आय की भी गणना गलत हुई। इस पर अभियोजन की तरफ से कहा गया कि आय से अधिक संपत्ति के साथ साक्ष्य पत्रावली में उपलब्ध है।

विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) वाराणसी ने संज्ञान लिया था

कोर्ट ने उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत तर्कों को सुनने के बाद निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्त के विरुद्ध आरोप तय करने के लिए साक्ष्य का विस्तृत मूल्यांकन करने की आवश्यकता नहीं है। केवल प्रथम दृष्टया पत्रावली पर साक्ष्य आरोप तय करने के लिए पर्याप्त होता है। बताते चलें कि विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) वाराणसी ने इस मुकदमे में संज्ञान लिया था। कोर्ट में समर्पण के उपरांत हाई कोर्ट से राकेशधर त्रिपाठी की सशर्त जमानत मंजूर की गई है।

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