आतंकी हमले के मामले में दोषमुक्त मो. अजीज हवाई जहाज से दिल्ली पहुंचा Prayagraj News
आरोपित मो. अजीज को दोषमुक्त करने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अजीज पर यदि अन्य कोई मुकदमा नहीं है तो उसे रिहा किया जाए। बुधवार को उसकी रिहाई का परवाना बन गया था
प्रयागराज, जेएनएन : अयोध्या के रामजन्म भूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के मामले में दोषमुक्त हुआ मो. अजीज गुरुवार को हवाई जहाज से दिल्ली पहुंचा। सुबह साढ़े आठ बजे दारोगा राजेंद्र सिंह और चार सिपाहियों की सुरक्षा में उसे नैनी जेल पुलिस चौकी से बमरौली एयरपोर्ट ले जाया गया। दोपहर साढ़े बारह बजे इंडिगो की फ्लाइट से वह दिल्ली गया। सुरक्षा में गए पुलिसकर्मी उसे हवाई जहाज में बैठाकर लौट आए। दिल्ली में अजीज के घरवाले उसे लेने एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां बेटे को गले लगाकर वह खूब रोया। शाम को परिवार के लोग उसे जम्मू ले गए।
पांच जुलाई 2005 को अयोध्या के रामजन्म भूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के मामले में पाटीदार गांव थाना मेंडर, जिला पुंछ, जम्मू निवासी 70 वर्षीय मो. अजीज को विशेष अदालत ने दोषमुक्त कर दिया। नैनी सेंट्रल जेल में बैठी विशेष अदालत ने मंगलवार को डॉ. इरफान, मो. नसीम, शकील अहमद और आसिफ इकबाल उर्फ फारुख को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पांचवे आरोपित मो. अजीज को बरी किए जाने पर बुधवार की शाम को नैनी सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था। उसने अपनी जान का खतरा बताकर पुलिस सुरक्षा में जम्मू भेजने की गुजारिश की थी। सुरक्षा कारणों से उसे बुधवार की रात जेल पुलिस चौकी में रखा गया। एसपी प्रोटोकॉल आशुतोष द्विवेदी के मुताबिक, सुबह साढ़े आठ बजे सुरक्षा में उसे जिप्सी से बमरौली एयरपोर्ट ले जाया गया। वहां से दिल्ली भेज दिया गया। उसका केस लडऩे वाले अधिवक्ता शमसुल हसन के मुताबिक, दोपहर 1.35 बजे अजीज दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया। वहां एयरपोर्ट के बाहर उसके घर वाले मौजूद थे। उसके लिए प्लेन का टिकट शमसुल हसन ने ही कराया था। दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर से अजीज के घरवालों ने उनसे (अधिवक्ता) से बात की। इसके बाद ट्रेन से दिल्ली से जम्मू ले जाने की बात बताई है।
13 साल बाद अपनों से मिल निकले खुशी के आंसू:
तेरह साल तक नैनी सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रहे मो. अजीज ने गुरुवार को खुली हवा में सांस ली। बमरौली एयरपोर्ट से वह प्लेन से अकेले दिल्ली पहुंचा। वहां एयरपोर्ट के बाहर परिवार वालों को आंखों के सामने देख खुशी में रो पड़ा। बेटे जफर और जावेद को गले से लगा वह खूब रोया। अधिवक्ता शमसुल हसन ने बताया कि परिवार वालों से मिलने के बाद अजीज ने फोन कर खैरियत से पहुंचने की सूचना दी। परिवार के लोगों से बात भी कराई। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, ऐसे में उन लोगों ने ट्रेन से दिल्ली से जम्मू जाने की बात बताई है। दो बेटों के अलावा अजीज की एक बेटी नाजिया भी है। अजीज पहले जल निगम में लिपिक के पद कार्यरत था। आतंकी हमले के बाद उसे गिरफ्तार किया गया तो सस्पेंड कर दिया गया था।
लश्कर-ए-तैयबा ने कराया था आतंकी हमला:
आतंकी घटना पांच जुलाई 2005 को हुई थी। असलहे से लैस आतंकियों ने रामजन्म भूमि परिसर में धमाका किया था। हमला लश्कर-ए-तैयबा के एरिया कमांडर ने कराया था। सुरक्षा बलों के बीच करीब डेढ़ घंटे चली मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए थे, जबकि दो निर्दोष लोगों की जान भी गई थी। मुख्य साजिशकर्ता मो. अरशद मौके पर ही ढेर कर दिया गया था। जांच में असलहों की सप्लाई करने, आतंकियों की मदद करने के आरोप में इन पांचों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर पांचों आरोपितों को फैजाबाद से प्रयागराज के केन्द्रीय कारागार नैनी भेज दिया गया था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप