बेजुबानों से प्यार में बनाया मोबाइल एप, दो हजार लोग कर चुके डाउनलोड
सोशल मीडिया पर तुषार ने मोबाइल एप के जरिए बेजुबानों से लोगों को जोड़ने के लिए मंच दिया है। तस्वीरों और वीडियो को साझा कर लोग बेजुबानों के प्रति लगाव बढ़ा रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। बेजुबानों से प्यार दर्शाने का चलन इन दिनों बढ़ रहा है। कई लोगों का इस ओर विशेष लगाव देखने को मिल रहा है। कुछ ऐसा ही शहर के म्योराबाद निवासी तुषार यादव (19) को भी बेजुबानों से अत्यधिक लगाव है। उन्होंने अपने मोबाइल एप्लीकेशन (एप) के जरिए सोशल मीडिया पर ऐसा ही मंच दिया है। इस पर लोग मित्रों और परिवार से जुड़े पशुओं की तस्वीर एवं उनसे जुड़ी खूबसूरत यादों का वीडियो साझा कर सकते हैं। जनवरी से अब तक दो हजार से ज्यादा लोग तुषार के पेट्स हैवेन नामक नेटवर्क एप को डाउनलोड कर चुके हैं।
खास है पेट्स हैवेन नामक एप
पेट्स हैवेन नामक एप अपने इलाके और विदेश में गोद लेने वाले पशुओं की खोज करने की सुविधा भी देता है। तुषार को यह मोबाइल एप बनाने की प्रेरणा सेलिब्रिटी टेलर स्विफ्ट, केटी पेरी और इंस्टॉग्राम के संस्थापक केविन सिस्ट्राम से मिली। वह अपने पालतू पशुओं के साथ अपनी तस्वीरें साझा करना पसंद करते हैं। साथ ही साथ ही सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं की मदद करना चाहते हैं। बकौल तुषार उन्होंने जनवरी में नेटवर्क एप डिजाइन किया।
तुषार को एप डिजाइन करने की मूलभूत जानकारी इंटरनेट से मिली
इस वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग से 12 वीं की परीक्षा देने वाले इस युवा को एप डिजाइन करने की मूलभूत जानकारी इंटरनेट से मिली। कुल मिलाकर सात महीने का वक्त इसमें लगा। तुषार के पिता रामचंद्र यादव एलआइसी में कैशियर हैं और माता पुष्पा शिक्षिका। वह फेसबुक जैसी बड़ी संस्थाओं से जुड़कर काम करना चाहते हैं।
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