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स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने खुद दवा खाकर फायलेरिया उन्‍मूलन अभियान का शुभारंभ किया Prayagraj News

फायलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ कर स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री अतुल गर्ग ने बच्चों को संकल्प दिलाया कि वह खुद दवा खाएंगे और 10 बच्चों को भी यह दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 02:14 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 06:03 PM (IST)
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने खुद दवा खाकर फायलेरिया उन्‍मूलन अभियान का शुभारंभ किया Prayagraj News
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने खुद दवा खाकर फायलेरिया उन्‍मूलन अभियान का शुभारंभ किया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश के स्वास्थ्य राज्‍य मंत्री अतुल गर्ग सोमवार को प्रयागराज में थे। उन्‍होंने सेंट जोसेफ गर्ल्स कॉलेज मम्‍फोर्डगंज में फायलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। मंत्री ने सबसे पहले खुद ही फायलेरिया की दवा खाकर इसकी शुरूआत की।

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बोले मंत्री, जो कोई नहीं कर सकता वह प्रयागराज कर सकता है

फायलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ करने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री अतुल गर्ग ने बच्चों को संकल्प दिलाया कि बच्चे खुद दवा खाएंगे और 10 बच्चों को भी यह दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि जो कोई नहीं कर सकता वह काम प्रयागराज कर सकता है। इसी क्रम में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा के प्रभारी चिकित्‍सक जीसी पटेल के नेतृत्‍व में कैंप लगाकर दवा खिलाया गया।

फाइलेरिया की दवा को लेने में कोताही न बरतें

इस अभियान के तहत दो साल से ऊपर के सभी को दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए सवास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाएगी। 10 दिसंबर तक चलने वाले अभियान को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। साथ ही सलाह दी गई है कि फाइलेरिया की दवा को लेने में कोताही न बरतें, क्योंकि यह सेहत के लिए बहुत जरूरी है। यह मच्छर जनित बीमारी के लक्षण 10 से लेकर 15 वर्षों बाद सामने आते हैं।

इसलिए जरूरी है फाइलेरिया की दवा

राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वीपी सिंह के मुताबिक, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सर्वे के दौरान पाया गया है कि नौ से 21 फीसद स्वस्थ व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु माइक्रो फाइलेरिया पाए गए हैं। ऐसे लोग 10 से 15 वर्ष बाद फाइलेरिया से ग्रसित हो सकते हैं, जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इसके लक्षण 10 से 15 वर्ष बाद सामने आते हैं।

उम्र व लंबाई पूछकर खिलाएंगे फाइलेरिया की दवा

फाइलेरिया अभियान में इस बार लंबाई और उम्र के आधार पर दवा खिलाई जाएगी। यह अभियान 25 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलेगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम इसके लिए घर-घर जाएगी और परिवार के प्रत्येक सदस्य को दवा खिलाएगी। अभियान में एल्बेंडाजोल डीईसी और आइवरमेक्टिन दवा खिलाई जाएगी। इसमें एल्बेंडाजोल टैबलेट का फ्लेवर वनीला होगा। फाइलेरिया के बारे में समाज के विभिन्न वर्गों को जागरूक किया जा रहा है। मदरसे व अन्य स्कूलों में बच्चे रैली निकालेंगे। स्कूलों में इस बीमारी पर निबंध प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। इसमें एनसीसी, स्काउट और नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक भी शामिल हैं। ग्राम स्तर पर किसान पाठशाला में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

दवा खाने के बाद हो सकती है थोड़ी दिक्‍कत तो घबराएं मत

विशेषज्ञों के मुताबिक, माइक्रोफाइलेरिया से ग्रसित मरीज में दवा खाने के बाद उल्टी, खुजली और जलन की समस्या आम बात है। समान्यत: यह समस्या दो प्रतिशत मरीजों में आती है।यह दवा दो साल से अधिक उम्र के लोगों को ही देनी है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं खिलानी है। एसीएमओ व नोडल अधिकारी विमलकांत वर्मा ने बताया की जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जल्द ही सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।


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