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आचार संहिता उल्‍लंघन मामले में कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज को मिली जमानत

एमपी एमएलए कोर्ट ने कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज को जमानत दे दी। आचार संहिता उल्‍लंघन मामले में कोर्ट में उनकी पेशी थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 03:11 PM (IST)
आचार संहिता उल्‍लंघन मामले में कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज को मिली जमानत
आचार संहिता उल्‍लंघन मामले में कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज को मिली जमानत

प्रयागराज : आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज ने एमपी एमएलए में सरेंडर किया। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जमानत अर्जी पर सुनवाई की। 20-20 हजार रुपये की जमानत व इतनी ही धनराशि का मुचलका पेश करने पर मंत्री की रिहाई का आदेश दिया गया। कृषि राज्यमंत्री एमपी एमएलए कोर्ट में करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहीं।

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क्या था मामला

शाहजहांपुर जिले के निगोही थाने के प्रभारी आशीष कुमार मिश्र ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि भाजपा कार्यालय के सामने कृष्णाराज करीब 150 कार्यकर्ता के साथ प्रचार सामग्री स्टीकर, पोस्टर आदि लेकर वोट मांग रही थीं। प्रचार की अनुमति न होने पर उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में मंत्री ने एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर जमानत कराई।

पूर्व मंत्री के समर्थकों ने दिया जुर्माना, केस खत्म

प्रयागराज : पूर्व मंत्री रामरती बिंद के समर्थक अमला प्रसाद यादव व श्याम नारायण प्रजापति ने आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में जुर्म इकबाल करते हुए जुर्माना अदा कर राहत की सांस ली। एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जुर्माना की धनराशि सात-सात सौ रुपये सरकारी खजाने में जमा कराते हुए दोनों के खिलाफ चल रही कार्यवाही समाप्त करा दी। पूर्व मंत्री रामरती बिंद के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी।

समर्थकों संग राजमार्ग जाम करने का मामला

मामला 22 अक्टूबर 1998 का है। आरोप है कि भदोही के दुर्गागंज तिराहे पर पूर्व मंत्री रामरती बिंद ने अपने समर्थकों के साथ राजकीय मार्ग जाम कर दिया था। समर्थकों के सहयोग से दुकानदारों की बेंच, तख्त आदि सड़क पर रख मार्ग अवरुद्ध किया गया था। साथ ही माइक लगाकर तत्कालीन सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था।


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