MGNREGA Workers: प्रतापगढ़ में जाब कार्डधारक तो 7.21 लाख लेकिन सक्रिय सिर्फ 22 हजार ही हैं
प्रतापगढ़ में केवल करीब 22 हजार मनरेगा मजदूर ही काम कर रहे हैं। समय से पैसा न मिलने आदि कारणों से मनरेगा मजदूर काम नहीं कर रहे हैं। जाबकार्ड भी निरस्त नहीं हो रहा है। मजदूरी का पैसा न मिलने से श्रमिकों को काम रास नहीं आ रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। मनरेगा मजदूरों को वर्ष भर में 100 दिन काम मिले, मजदूरी का पैसा 15 दिन के भीतर खाते में पहुंचे, यह दावा शासन का है। हालांकि हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। मनरेगा विभाग का आंकड़ा सरकारी दावे की पोल खोल रहा है। जाब कार्डधारकों की संख्या लाखों में है, लेकिन सक्रिय मजदूरों की संख्या हजारों में हैं। मजदूरों को रोजगार देने की लगातार घट रही संख्या बहुत कुछ बयां कर रही है।
कहां, कितने जाब कार्डधारक : प्रतापगढ़ जनपद में जाब कार्डधारकों की संख्या 7 लाख 21 हजार 89 है, जबकि क्रियाशील जाब कार्डधारक तीन लाख 36 हजार 744 हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो शिवगढ़ ब्लाक में 10 हजार 40 जाब कार्डधारक, सांगीपुर में 23 हजार 16, संडवा चंद्रिका में 21 हजार 22, रामपुर संग्रामगढ़ में 18 हजार 823, सदर में 12 हजार 60, पट्टी में 12 हजार 294, मानधाता में 19 हजार 770, मंगरौरा में 13 हजार 262, लालगंज में 14 हजार 832, लक्ष्मणपुर में 16 हजार 370, कुंडा में 37 हजार 510, गौरा में 15 हजार 225, कालाकांकर में 19 हजार 306, बिहार में 38 हजार 642, बाबागंज में 32 हजार 157, बाबा बेलखरनाथ धाम में 14 हजार 685 व आसपुर देवसरा में 17 हजार 760 जाबकार्ड धारक हैं।
समय से पैसा नहीं मिलना भी कारण : मौजूदा समय में केवल करीब 22 हजार मनरेगा मजदूर ही काम कर रहे हैं। समय से पैसा न मिलने आदि कारणों से मनरेगा मजदूर काम नहीं कर रहे हैं। जाबकार्ड भी निरस्त नहीं हो रहा है।
क्या कहते हैं मनरेगा के अधिकारी : डीसी मनरेगा डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल में अधिकांश लोग परदेस से घर आ गए थे। उनको गांव में ही रोजगार मिला था। कोरोना का संक्रमण समाप्त हुआ और लोग परदेस चले गए। पहले की अपेक्षा मनरेगा मजदूरों की संख्या कम हुई है।
213 रुपये है मजदूरी : मनरेगा मजदूरों को पहले 204 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी खाते में मिलती थी, लेकिन शासन ने एक अप्रैल 2022 से इसमें बढ़ोतरी की। अब मजदूरों को 213 रुपये के हिसाब से मजदूरी मिल रही है।