प्राइमरी के बच्चों को 'मीना' समझाएगी गुडटच और बैडटच
बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए निर्देश दिया है कि प्राइमरी के बच्चों को मीना समझाएगी गुडटच-बैडटच का प्रशिक्षण दिया जाए।
प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के शारीरिक शोषण की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिले के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में गुड टच-बैड टच का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें विद्यालय प्रबंधन समिति और अभिभावकों को भी जोड़ कर बच्चों द्वारा की गई प्रत्येक शिकायतों का तत्काल समाधान का तरीका बताया जाएगा। विद्यालयों में संचालित मीना मंच के माध्यम से प्रशिक्षण की गतिविधियां शुरू भी कर दी गई हैं।
स्कूली बच्चों के साथ बढ़ रहीं घटनाओं को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पहल की है। स्कूली बच्चों में शरीरिक शोषण के स्तर की जानकारी के लिए गुडटच-बैडटच का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग ने इसे विद्यालयों में संचालित मीना मंच के साथ जोड़ा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में ङ्क्षहसा, दुव्र्यवहार तथा उपेक्षापूर्ण व्यवहार एवं दुष्कर्म के मामले रोकने के लिए विधिवत प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया है। बच्चों को जागरूक करने के लिए नाट्य प्रस्तुतिकरण, चित्रकला, कविता, पोस्टर मेकिंग, फोटोग्राफी, वाद-विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को अच्छे और बुरे व्यवहार की जानकारी दी जाएगी। अभिभावकों को चाइल्ड लाइन, आशा ज्योति, पुलिस विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की जानकारी दी जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र ज्योति शुक्ला ने बताया कि बाल अधिकार आधारित जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन करने की शुरूआत कर दी गई है।
क्या है मीना मंच
यूनीसेफ की परियोजना के तहत प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। मीना को केंद्रीय पात्र बनाकर कहानियों तथा वृत्तचित्र के माध्यम से बच्चों को महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की जाती हैं।