Move to Jagran APP

गजब! टीबी सप्रू हास्पिटल में दवाओं की भरमार से अस्पताल हलकान Prayagraj News

टीबी सप्रू हास्पिटल का हाल हैरानी उत्‍पन्‍न करने वाला है। अनियमितता का आलम देखिए कि यहां मांग से अधिक दवाएं भेज दी गईं हैं। ऐसी दवाएं भी आई हैं जिनका उपयोग ही नहीं हो रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 07:53 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 07:51 PM (IST)
गजब! टीबी सप्रू हास्पिटल में दवाओं की भरमार से अस्पताल हलकान Prayagraj News
गजब! टीबी सप्रू हास्पिटल में दवाओं की भरमार से अस्पताल हलकान Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग में चौंकाने वाले कारनामों की कमी नहीं। अमूमन सरकारी अस्पतालों को लेकर शिकायत यह रहती है कि वहां दवाएं नहीं मिलतीं, लेकिन शहर का तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल फिलहाल इसका अपवाद है। यह दवाओं की भरमार से हलकान हो चला है। यहां मांग से अधिक दवाएं भेज दी गईं हैैं। कई तो ऐसी हैैं, जो उपयोग में नहीं लाई जातीं। दवाओं की वापसी के लिए कई चिट्ठियां लिखी गईं, लेकिन जिम्मेदारों के पास इसे देखने की फुरसत नहीं निकली। अस्पताल अधीक्षिका कहतीं हैैं कि कुछ तो होना ही चाहिए। 

loksabha election banner

अस्पताल में साल भर में केवल 100 वॉयल का ही इस्तेमाल पर भेजी 1400

सरकारी अस्पतालों में दवाओं की सप्लाई लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमएससीएल) करती है। इसने जनवरी में बिना मांग के ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल आने वाले इंजेक्शन मेफेंटीन 1400 वॉयल भेज दिए। इस अस्पताल में साल भर में केवल 100 वॉयल का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह केटामिन इंजेक्शन 700 वॉयल भेजे गए हैैं। इसका भी केवल 100 वॉयल उपयोग यहां है। अस्पताल प्रबंधन को इन दवाओं के एक्सपायर होने का डर है। इसलिए अब तक 12 बार इसकी वापसी के लिए पत्र भेजा गया, लेकिन दवाएं वापस नहीं जा सकीं।

बोलीं अस्पताल की अधीक्षक

टीबी सप्रू हास्पिटल की अधीक्षक डॉ. सुषमा श्रीवास्तव कहती हैैं कि इन दवाओं की सप्लाई अन्य अस्पताल में की जा सकती है, लेकिन यह पहल तो सप्लाई कर्ता संस्था को ही करनी होगी।

अनुपयोगी दवाएं भी भेजीं

इस अस्पताल में कुछ ऐसी भी दवाएं भेज दी गई हैं, जिनका उपयोग ही नहीं है। कंपनी ने 2500 वॉयल साइक्लोफास्फामाइडइंजेक्शन, विटामिन के एक हजार वॉयल और 300 वॉयल प्रोलिडॉक्सीन इंजेक्शन भेज दिया है, यह यहां उपयोग में नहीं लाई जातीं। 

कब-कब भेजा गया पत्र

दवाओं को वापस करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मई में चार बार पत्र भेजा। यह खत 2, 8 ,11 और 21 तारीख को भेजे गए। फिर 16 जून 12 जुलाई और अगस्त में 10, 14 व 26 तारीख को रिमांइडर भेजे गए। सितंबर महीने में 3 और 9 तारीख को पत्र भेजे गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.