प्रयागराज के सिविल लाइंस क्षेत्र में जल संकट समेत तमाम समस्याएं लेकिन नगर निगम बेपरवाह
सिविल लाइंस इलाके में काफी समय से जलसंकट बना है। कई सड़कें गड्ढों में तब्दील हैं। नालों के ऊपर लगी जालियां हट गई हैं। इससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। गलियों में सफाई नहीं होने से कूड़े का ढेर लगा रहता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर के पाश इलाके सिविल लाइंस क्षेत्र में भी तमाम समस्याएं हैं। इलाके में काफी समय से जलसंकट बना है। कई सड़कें गड्ढों में तब्दील हैं। नालों के ऊपर लगी जालियां हट गई हैं। इससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। गलियों में सफाई नहीं होने से कूड़े का ढेर लगा रहता है, उसी ढेर में बेसहारा मवेशियों का जमावड़ा होने से लोगों का आना-जाना मुश्किल रहता है। नगर निगम के अफसरों से शिकायतों के बावजूद समस्याओं का निराकरण नहीं होता है। ऐसे में सिविल लाइंस के लोग नाराज और निराश हैं।
चौड़ीकरण के लिए सड़कों की खोदाई से बढ़ी दिक्कत
स्मार्ट सिटी के तहत सिविल लाइंस क्षेत्र की कई सड़कें चौड़ी हो रही हैं, जिसकी वजह से सड़कों की खोदाई कर दी गई है। बस अड्डा के बगल वाली सड़क (पत्रिका मार्ग) गड्ढों में तब्दील है। इससे लोगों को हिचकोले खाते हुए उधर से निकलना पड़ता है। ताशकंद मार्ग, कूपर रोड, स्ट्रेची रोड की दशा भी निर्माण होने के कारण बहुत खराब है। इन मार्गों पर पैदल चलना भी दूभर है। लाल गिरजा घर के समीप का नलकूप खराब हो जाने से क्षेत्र के बड़े हिस्से में जलसंकट बना है। इलाके में नया नलकूप लगने के लिए जगह उपलब्ध न होने से खुसरोबाग से होने वाली जलापूर्ति पर ही लोग निर्भर हैं। सड़कों की सफाई हो जाती है मगर, गलियों में नियमित सफाई नहीं हो पाती है। पार्षद अशोक सिंह का कहना है कि महात्मा गांधी मार्ग समेत सभी नालों में जालियां लगाने के लिए निगम ने टेंडर कराया है। जलापूर्ति के लिए ताशकंद मार्ग पर नलकूप लगाने की बात है। पत्रिका मार्ग भी स्मार्ट सिटी में ले ली गई है़, जिसकी वजह से निगम बनवा नहीं रहा है। हालांकि, गड्ढों को पाटने के लिए कहा गया था लेकिन वह काम भी नहीं हुआ।
यह कहना है लोगों का
नालों से जाली हट जाने से आने-जाने वालों को खतरा रहता है। कई बार लोग हादसे का शिकार भी हो जाते हैं।
वैभव सिंह, सिविल लाइंस
बस अड्डे के बगल की सड़क गड्ढों में तब्दील होने से लोगों को बहुत परेशानी होती है। सड़क के गड्ढे ढक दिए जाने चाहिए।
संजय कुमार, सिविल लाइंस
सड़कों की सफाई होती है लेकिन, गलियों में नियमित झाड़ू नहीं लगती है। गंदगी फैली रहती है।
अनुज कुमार, सिविल लाइंस
बेसहारा मवेशियों और मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं। फागिंग कागजों पर होती है।
विक्रम सिंह, सिविल लाइंस