संगमनगरी में भी कई 'निर्भया' हैं, जिन्हें इंसाफ का है इंतजार Prayagraj News
करेली के मदरसा कांड ने पूरे राज्य को दहला दिया था। निर्भया के दोषियों को फांसी पर शहर की महिलाएं चाहती हैैं यहां भी यहां भी सख्त और त्वरित न्याय मिले।
प्रयागराज, जेएनएन। पूरे देश को झकझोर देने वाले दिल्ली के निर्भया कांड में आखिरकार सात साल बाद चार हैवानों को फांसी पर लटका दिया गया। इस पर यहां भी लोगों और खासतौर पर युवतियों व महिलाओं ने इसे न्याय की जीत बताते हुए कहा है कि प्रयागराज की तमाम निर्भया को कब इंसाफ मिलेगा। यहां भी कई निर्भया को दङ्क्षरदगी के बाद मार डाला गया लेकिन दोषियों को अब तक सजा नहीं मिल सकी है।
संगीन घटनाएं, जो लोगों को झकझोर दिया
संगमनगरी में भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैैं। यहां भी ऐसी दुखद और संगीन घटनाएं होती रही हैैं, जो जनमानस को झकझोर दिया। करेली के मदरसा कांड को लोग भूले नहीं हैैं। 17 जनवरी 2007 की आधी रात दरवाजा तोड़कर मदरसा के अंदर से दो नाबालिग छात्राओं को खींचकर उनके साथ दरिंदगी की गई थी। उस घटना के बाद काफी बवाल मचा था। बाद में पांच लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन लोगों को लगता है कि सही न्याय नहीं हुआ। बहरहाल, दुष्कर्म और हत्या की तो बहुत सी घटनाएं हुई हालांकि मदरसा कांड की तरह कुछ मामले ऐसे हैैं, जिन पर लोगों की निगाह बनी रही। तीन साल पहले 24 अप्रैल 2017 की रात नवाबगंज के जूड़ापुर बीहर गांव में घर के भीतर दंपती के साथ ही उनकी दो बेटियों की भी क्रूरता से हत्या कर दी गई थी। 18 और 16 साल की दोनों बेटियों के साथ दुष्कर्म भी किया गया था। उस घटना में पांच लोगों को नामजद किया गया था। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोई सुबूत नहीं होने के बावजूद भारी दबाव की वजह से जेल भेज दिया।
एक बेटा और एक बेटी घर में नहीं होने की वजह से बच गए
तीन माह बाद पुलिस ने वारदात का नए सिरे से पर्दाफाश करते हुए चार युवकों को गिरफ्तार किया था। इनमें तीन नीरज, प्रदीप, मोहित नवाबगंज में लखनपुर और चौथा सत्येंद्र सोरांव के तुलसीपुर गांव का था। उनमें नीरज ने अपमान का बदला लेने के लिए यह खौफनाक वारदात अंजाम दिया था। मारे गए दंपति का एक पुत्र और एक बेटी घर में नहीं होने की वजह से बच गए। वे दोनों लखनऊ में रहते हैैं। बेटी निजी कंपनी में नौकरी करती है। उसका कहना है कि तीन साल बाद भी न्याय नहीं मिला है बल्कि दो आरोपित तो जमानत पर रिहा हो गए हैैं। यहां पुलिस जांच में ढिलाई करती है। निर्भया मामले में इंसाफ होने के बाद आस है कि उसे भी माता-पिता और बहनों की हत्या में जल्द न्याय मिल जाए।
अल्लापुर की निर्भया को भी न्याय नहीं
14 मई 2016 को शहर के अल्लापुर इलाके के कब्रिस्तान के पास रात में शौच के लिए निकली नाबालिग लड़की को छह नशेड़ी दङ्क्षरदे खंड़हर में खींच ले गए। उसे नशे का इंजेक्शन लगाकर रात भर हैवानियत की। फिर गला रेतकर उसे मार डाला। इस घटना में पुलिस और क्राइम ब्रांच ने अनुसूचित जाति के रोहित, अनुज, राजेश लंगड़, नन्हका हेला, पिंटू, रोहित निपोरे को गिरफ्तार किया था। चार साल हो रहे हैैं लेकिन इन आरोपितों को अभी सजा नहीं मिल सकी है। लड़की के परिवार के लोग बेहद गरीब और कमजोर होने की वजह से भी पैरवी नहीं कर पा रहे हैैं। वे चाहते हैैं कि दोषियों को फांसी पर लटकाया जाए।
इन मामलों में भी देरी
- नौ जनवरी को फूलपुर में छह साल की बालिका की आलू के खेत में दुष्कर्म के बाद गला रेतकर हत्या, आरोपित बच्चूलाल गिरफ्तार, चार्जशीट दाखिल, कोर्ट में ट्रायल शुरू नहीं।
- करेली के करेंहदा में आठ अप्रैल 2018 को 15 साल की लड़की की घर के पास खेत में दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने पर्दाफाश किया कि गांव का एक युवक दुष्कर्म कर रहा था तभी लड़की के चाचा और भाई पहुंच गए। युवक भाग गया मगर बौखलाए भाई ने दुपट्टïे से गला घोंटकर किशोरी की हत्या कर दी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
...यहां तो मासूम भी नहीं महफूज
मानसिक विकृति का हाल यह है कि तीन साल की मासूम भी महफूज नहीं हैैं। करेली पुलिस ने दो महीने पहले दो बच्चियों से दङ्क्षरदगी के आरोप में सलमान को गिरफ्तार किया था। उसने तीन साल के दौरान दो बच्चियों को फुटपाथ पर सो रही मां के बगल से उठाकर हैवानियत की थी। करेली में एक और बच्ची से ऐसे ही कोशिश करते वक्त उसे लोगों ने पकड़ लिया था।
निर्भया पैकेज जोड़
2020 में और दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ीं
महिला सुरक्षा पर सख्ती के बीच यह भी चौंकाने वाली बात है कि पिछले दो साल की तुलना में 2020 के पहले दो महीने में दुष्कर्म में इजाफा हुआ है। 2018 में शुरूआती दो माह में 10 और 2019 में 13 मुकदमे दुष्कर्म के दर्ज हुए थे। 2020 में यह संख्या 21 पहुंच गई यानी 2018 की तुलना में दोगुने से ज्यादा।
बोलीं महिला अधिकार संगठन की शिल्पा
महिला अधिकार संगठन की शिल्पा सिंह कहती हैं कि यहां भी कई घटनाओं में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। उम्मीद है कि दोषियों को कठोर सजा मिलेगी ताकि अपराधियों में डर पैदा हो सके।
क्या कहती हैं महिलाएं
देर से ही सही, निर्भया और उसके परिवार को इंसाफ मिला है। ऐसी घटनाओं में फांसी की सजा ही होनी चाहिए, ताकि दङ्क्षरदों में खौफ पैदा हो।
- रेखा तिवारी, व्यवसायी
यौन शोषण और दुष्कर्म की घटना में गिरफ्तार लोगों को मजबूत पैरवी कर अदालत से जल्द सजा दिलाई जानी चाहिए।
- पुष्पा पटेल, गृहणी
निर्भया कांड के आरोपितों पर जैसे सख्त कदम उठाए गए हैं, उसी तरह प्रयागराज सहित पूरे देश की पुलिस और अदालतों को ऐसी घटनाओं में सख्ती की जरूरत है।
- कमला पाठक, पूर्व मंडलीय महिला उद्धार अधिकारी
इन्होंने भी कहा
निर्भया कांड के दोषियों को सजा भले ही देर से मिली हो लेकिन पीडि़त परिवार के सम्मान की सुरक्षा हुई है। ऐसे तत्वों का सिर कलम किया जाना न्यायोचित है।
- राजेश पांडेय, फौजदारी अधिवक्ता
निर्भया कांड में अभियोजन ने अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया है। प्रयागराज में भी दुष्कर्म और हत्या के मामलों की मजबूती से पैरवी की जा रही है।
- गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता
निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा देकर इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों में कानून का डर पैदा किया गया है।
- महेंद्र नाथ देव पांडेय, संयुक्त निदेशक अभियोजन
प्रदेश में पाक्सो एक्ट और दुष्कर्म के अपराधों को रोकने के लिए नई अदालतों की संख्या शासन और हाईकोर्ट ने बढ़ाई है जो सराहनीय है।
- राजेश गुप्ता, सहायक शासकीय अधिवक्ता