संकट में मददगार बने व्यक्ति की गई जान, कुंडा के रेलवे क्रासिंग पर फंसे टेंपो को धकेलते वक्त ट्रेन की टक्कर
मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग में फंसे टेंपो को निकालने में मदद करने की नेक नीयती में एक व्यक्ति की ट्रेन की चपेट में आने से जान चली गई। इस बारे में खबर पाकर पहुंची रेलवे पुलिस ने मानव रहित रेलवे क्रासिंग को बंद करने की कवायद शुरू कर दी।
प्रतापगढ़, जेएनएन। कुंडा इलाके में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग में फंसे टेंपो को निकालने में मदद करने की नेक नीयती में एक व्यक्ति की ट्रेन की चपेट में आने से जान चली गई। इस बारे में खबर पाकर पहुंची रेलवे पुलिस ने मानव रहित रेलवे क्रासिंग को बंद करने की कवायद शुरू कर दी। वहां जुटे लोगों को पता चला कि टेंपो चालक की सहायता करने के प्रयास में उस शख्स ने जान गंवा दी तो सभी अवाक रह गए। फिर परिवार के लोग रोते-बिलखते आ गए। स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
संकट में फंसा देख मदद के लिए निकला था घर से
कुंडा के मियां का पुरवा बरई गांव निवासी 45 वर्षीय राममूरत पुत्र बृजलाल पटेल मजदूरी कर पूरे परिवार के साथ गुजारा करता था। मंगलवार की सुबह करीब 10:30 बजे उसने देखा कि घर के पास मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर एक टेंपो फंस गया है। उस टेंपो को निकालने के लिए ड्राइवर बहुत प्रयास कर रहा है। तमाम मशक्कत के बाद भी रेलवे क्रासिंग में फंसा टेंपो निकल नहीं रहा था। ऐसे में राममूरत संकट में फंसे टेंपो ड्राइवर की मदद के लिए घर से निकलकर वहां पहुंच गया।
मददगार मारा गया और सहायता लेने वाला भाग निकला
वह रेलवे ट्रैक पर फंसे टेंपो को निकालने के लिए ड्राइवर के साथ मिलकर धक्का देने लगा। टेंपो को धक्का देकर ट्रैक से बाहर लाने की कोशिश की जा रही थी कि तभी रायबरेली की तरफ से आ रही ऊंचाहार एक्सप्रेस ट्रेन से राममूरत को टक्कर लग गई। जबरदस्त टक्कर लगने से राममूरत की वहीं सांस थम गई। अस्पताल ले जाने का भी मौका नहीं मिला।
गजब बात यह कि मददगार राममूरत ट्रेन की टक्कर से मारा गया जबकि टेंपो निकलने पर उसे लेकर ड्राइवर भाग गया। पता चला तो रेलवे पुलिस मौके पर गई और स्थानीय पुलिस को सूचना दी। जहां पर जीआरपी पुलिस ने मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने की कवायद शुरू कर दी। राममूरत चार बेटे दीपू पटेल, मणिलाल पटेल, नीरज पटेल, विवेक पटेल हैं। बेटे और पत्नी रानी देवी का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया।