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शहर में होटल या रिजार्ट बनाना फायदेमंद साबित होगा Prayagraj News

योजना के तहत होटल या रिजार्ट बनाना फायदेमंद है। इसके बाद भी पर्यटन विभाग को आवेदन नहीं मिल रहे हैं। पर्यटन विभाग के लिए चिंता का सबब भी है।

By Edited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 09:35 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 12:05 PM (IST)
शहर में होटल या रिजार्ट बनाना फायदेमंद साबित होगा Prayagraj News
शहर में होटल या रिजार्ट बनाना फायदेमंद साबित होगा Prayagraj News
प्रयागराज, जेएनएन। शहर में नए होटल, रिजार्ट, स्पो‌र्ट्स रिजार्ट सहित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के कुछ अन्य निर्माण कराने वाले को लागत में फायदा हो सकता है। बशर्ते वह निर्माण पर्यटन विभाग से अनुमोदन लेकर कराया जाए। इसमें 10.50 करोड़ तक लागत आने पर 15 प्रतिशत यानी करीब डेढ़ करोड़ रुपये सब्सिडी दिए जाने की योजना है। यह सब्सिडी बैंक से ऋण लेने की दशा में ब्याज के रूप में जमा की जाएगी। हालांकि इस फायदेमंद योजना के बावजूद पर्यटन विभाग को आवेदक नहीं मिल रहे हैं।

50 लाख की लागत पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी भी
पर्यटन विभाग की इस योजना के तहत 10.50 करोड़ रुपये से होटल, 2.10 करोड़ की लागत से बजट होटल, 10.50 करोड़ रुपये से रिजार्ट बनवाए जाने पर 15 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। स्पो‌र्ट्स रिजार्ट बनाने में एक करोड़ रुपये लागत आने पर 10 प्रतिशत, टेंट सिटी बनाने में 20 लाख लागत आने पर 20 प्रतिशत, सम्मेलन केंद्र के निर्माण में 50 लाख तक की लागत आने पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी तथा इसी तरह से थीम पार्क व कुछ अन्य निर्माण कार्यो के लिए भी सब्सिडी निर्धारित की गई है।

शहर में विकास की नई तस्वीर उभर सकती है
इस योजना पर व्यापारियों के कदम आगे बढ़ने से शहर में विकास की नई तस्वीर उभर सकती है। हालांकि इसके लिए आवेदन न आना पर्यटन विभाग के लिए चिंता का सबब भी है। कमेटी पास करेगी प्रस्ताव योजना के अनुसार अनुमोदन के लिए आवेदन मिलने पर उसे प्रस्ताव के रूप में डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी के समक्ष रखा जाएगा। कमेटी से अनुमोदन होने पर प्रस्ताव पर्यटन विभाग के महानिदेशक के पास भेजा जाएगा।

क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय के उप निदेशक बोले
क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय के उप निदेशक दिनेश कुमार कहते हैं कि यदि आवेदक निजी खर्चे पर निर्माण कराता है तो उसे निर्धारित हुई लागत के अनुसार सब्सिडी दी जाएगी। वहीं यदि पूंजी बैंक से बतौर ऋण ली गई है तो पर्यटन विभाग इस सब्सिडी की लागत को ली गई राशि संबंधित बैंक में ब्याज के रूप में जमा करेगा।
 

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