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Makar Sankranti : गंगा-यमुना व सदृश्य सरस्वती के तीरे संगम पर उमड़ी आस्था, 43 लाख ने लगाई डुबकी Prayagraj News

प्रयागराज के माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर सुबह से ही आस्‍था संगम समेत गंगा के विभिन्‍न स्‍नान घाटों पर है। लाखों की संख्‍या में श्रद्धालु स्‍नान कर चुके हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:39 AM (IST)
Makar Sankranti : गंगा-यमुना व सदृश्य सरस्वती के तीरे संगम पर उमड़ी आस्था, 43 लाख ने लगाई डुबकी Prayagraj News
Makar Sankranti : गंगा-यमुना व सदृश्य सरस्वती के तीरे संगम पर उमड़ी आस्था, 43 लाख ने लगाई डुबकी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला-2020 में मकर संक्रांति पर बुधवार को ही संगम पर आस्था हिलोर लेती दिख रही है। भोर से ही श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी है। वहीं मंगलवार की भोर से ही स्नान करने श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। कल ही शाम तक लाखों लोगों ने स्नान कर लिया था। मकर संक्रांति के पर्व पर शाम छह बजे तक करीब 60 लाख श्रद्धालु संगम व गंगा के घाटों पर डुबकी लगा चुके थे। ऐसा प्रशासन का दावा है।

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मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व ही मेला क्षेत्र में जुटने लगी थी भीड़

घोषित तौर पर मकर संक्रांति का स्नान पर्व बुधवार को है पर इस बार एक दिन पहले ही संगम की रेती पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंच गए थे। इनमें ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा थी, जो 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाते हैैं। स्नानार्थी सोमवार रात से ही तंबुओं की नगरी में पहुंचने लगे थे। स्नान कर दान-पुण्य कर पूजन-अर्चन भी किया। वहीं बुधवार तड़के गंगा और संगम तट श्रद्धालुओं से लबालब दिखाई देने लगा। स्नान, ध्यान और दान का सिलसिला जारी है। मंगलवार को स्नान के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु तंबुओं की नगरी में रुके रहे, बुधवार को भी पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। 

मेला प्रशासन ने तैयारी पूरा करने का दावा किया

मकर संक्रांति स्नान के लिए मेला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है। स्नान घाटों से लेकर मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों, एंट्री प्वाइंटों और पांटून पुलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैैं। उच्चाधिकारियों ने मेला क्षेत्र में तैयारियों का जायजा भी लिया। एक दिन पूर्व जहां कमियां पाईं गईं, उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए। मेला क्षेत्र में सोमवार से ही वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह प्रतिबंध गुरुवार सुबह तक लागू रहेगा। मेलाधिकारी रजनीश मिश्र का दावा है कि मकर संक्रांति स्नान के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैैं। स्नानार्थियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मंगलवार को ही शाम तक 22 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। 

आने वाले स्नान पर्व

24 जनवरी: मौनी अमावस्या

30 जनवरी: वसंत पंचमी

09 फरवरी: माघी पूर्णिमा

21 फरवरी: महाशिवरात्रि

अहम आंकड़े

05 पांटून पुल गंगा नदी पर बनाए गए हैैं श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए

25 सौ बीघा क्षेत्रफïल में इस साल बसाया गया है माघ मेला

05 हजार के करीब पुलिस, पीएसी व अद्र्धसैनिक बलों के जवान तैनात

13 हजार एलईडी फिटिंग लगाई गई हैैं मेला क्षेत्र को जगमग करने को 

ठंड और रिमझिम फुहार ने दिखाया दम पर नहीं डिगे कदम

मकर संक्रांति पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ आ रही है। ठंड की परवाह किए बिना श्रद्धालुओं का रेला मेला की तरफ बढ़ता रहा। पिछले तीन दिन मौसम खुला था। कड़ी धूप हो रही थी। सोमवार को दोपहर में तो धूप चुभने लगी थी, मगर सोमवार आधी रात के बाद ऐसा घना कोहरा हुआ कि मंगलवार सुबह मौसम बदल ही गया। ठंड ने जोर पकड़ लिया हालांकि इसका असर श्रद्धालुओं पर नहीं पड़ा। मकर संक्रांति के दिन बुधवार को कोहरे के साथ आसमान में बादलों का भी साम्राज्य है। रिमझिम फुहार भी रह-रहकर हो रही है। इसके बाद भी बारिश और कड़ाके की ठंड में श्रद्धालुओं की आस्था नहीं डिग रही है। पहले ही लाखों ने संगम व आसपास के घाटों पर पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। बुधवार की भोर में ही स्नानार्थियों की भीड़ बढऩे लगी है। शहर से मेला की ओर से जाने वाले मार्गों पर भारी भीड़ है। मेला क्षेत्र की प्रमुख सड़क काली माग, त्रिवेणी मार्ग, झूंसी में लोअर संगम मार्ग पर भीड़ है।

अब भी नहीं लग सके हैैं शिविर

माघ मेला 10 जनवरी पौष पूर्णिमा से ही शुरू हो गया है, मगर अब भी काफी लोगों के शिविर पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं हो सके हैैं। किसी शिविर में शौचालय नहीं है तो किसी टेंट में बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं मिल सका है। यही नहीं जमीन भी समतल नहीं हो सकी है। बड़े शिविरों में न तो ईंट बिछाई जा सकी है और न ही पुआल ही भेजा गया है। सेक्टर तीन, चार और पांच में तो काफी समस्याएं हैैं। इन सेक्टरों में रहने वाले दस फीसद से ज्यादा लोग बिजली, पानी के कनेक्शन के लिए भटक रहे हैैं। यही नहीं शौचालय के लिए भी काफी लोग कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैैं। 

मोटर बोट नहीं चल रही

माघ मेला के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति पर गंगा और यमुना में मोटर बोट भी नहीं चल रही। स्नान पर्व पर बोट के संचालन पर तो पहले ही रोक लगी थी। मोटर बोट सिर्फ जल पुलिस और पीएसी के गोताखोरों के लिए ही मौजूद रहेगी। इसी तरह स्नान पर्व पर किला स्थित अक्षयवट के दर्शन भी श्रद्धालुओं को नहीं हो पा रहे हैं। किला में पातालपुरी के मंदिरों का दर्शन हो रहा है। 

संक्रांति भोज में मिला समरसता का स्वाद

धूमनगंज में जीटी रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में मकर संक्रांति पर कौशांबी विकास परिषद की ओर से आयोजित भोज में सामाजिक समरसता का स्वाद मिला। कौशांबी सांसद विनोद सोनकर के नेतृत्व में आयोजित इस भोज में प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, मीरजापुर, जौनपुर, वाराणसी के भाजपा नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम में आए विशिष्ट अतिथियों को सांसद विनोद सोनकर ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर लोगों को नागरिकता संशोधन कानून पर जागरूकता बढ़ाने के लिए पुस्तिका का वितरण भी किया गया। मुख्य अतिथि स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्यपाल पं. केशरीनाथ त्रिपाठी व पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह गौर, सांसद केशरी देवी पटेल, राज्य मंत्री मन्नू कोरी, राष्ट्रीय महामंत्री अनुसूचित मोर्चा चिन्ना रामू, पूर्व सांसद रत्ना सिंह मौजूद रहीं। शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, विक्रमादित्य मौर्य, लाल बहादुर पटेल, संजय गुप्ता, शीतल पटेल, अजय भारतीय, प्रवीण पटेल आदि भी शामिल हुए।


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