मकर संक्रांति 2022: आस्था के आगे फीका पड़ा कोरोना, गवाही देती हैं संगम से सामने आईं यह तस्वीरें
Makar Sankranti 2022 मकर संक्रांति का पर्व आज भी मनाया जा रहा है। रात से ही प्रयागराज माघ मेला में गंगा यमुना के संगम में पुण्य की डुबकी लगाने वाले आस्थावानों की भीड़ जुट रही है। मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस लगी है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूं तो मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी काे मनाया। पर्व पर स्नान का आज भी महत्व है। क्योंकि शुक्रवार की रात 8.49 बजे सूर्य ने धनु से मकर राशि में प्रवेश किया। इसके बाद सूर्य उत्तरायण की ओर उन्मुख हुए। इसलिए मकर संक्रांति स्नान पर्व का मुहूर्त आज शनिवार को भी है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में शनिवार की रात से ही स्नान जारी है। इसी के साथ ही गृहस्थों का माघ मेला में एक माह का कल्पवास भी शुरू हो गया।
खिचड़ी, काली तिल आदि दान देकर मनोकामना सिद्धि की कामना
मकर राशि में सूर्यदेव के प्रवेश करने के पर्व मकर संक्रांति की पावन बेला में स्नान, दान व ध्यान का सिलसिला चल रहा है। तीर्थराज प्रयाग में देशभर के श्रद्धालुओं का जमघट है। शनिवार की भोर से संगम के पवित्र जल में डुबकी लगने लगी है। गंगा के रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, गंगोली शिवाला व फाफामऊ घाट पर हजारों श्रद्धालुओं स्नान कर चुके हैं। स्नानार्थियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। स्नान के बाद तीर्थपुरोहितों को खिचड़ी, काला तिल, गुड़ व वस्त्र का दान देकर मनोकामना सिद्ध होने की कामना कर रहे हैं। मकर संक्रांति का स्नान करने के साथ संगम तीरे गृहस्थों का कल्पवास शुरू हो गया है। तीर्थपुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच कल्पवासी पूर्वजों व आराध्य को नमन करके पूजन करने के बाद भजन-पूजन में लीन हो गए हैं। माहभर दिन में तीन बार गंगा स्नान, एक समय भोजन करके धार्मिक कृत्यों में लीन रहेंगे।
कोरोना के प्रति श्रद्धालु सतर्क
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर श्रद्धालुओं में जागरुकता भी नजर आ रही है। अधिकतर श्रद्धालु मास्क लगाए हुए हैं। बिना मास्क वालों ने शाल, गमछा व मफलर से मुंह ढके नजर आ रहे हैं। वहीं, स्वास्थ विभाग व संतों की ओर से जगह-जगह मास्क का वितरण किया जा रहा है। हालांकि कोरोना पर आस्था भारी है।
प्रयागराज माघ मेला में संगम स्नान को भीड़
धर्म और अध्यात्म की नगरी तीर्थराज प्रयाग में शुक्रवार को आस्था की भीड़ संगम क्षेत्र में जुटी थी। मकर संक्रांति पर जहां लाखों लोगों ने स्वयं पुण्य कमाने के लिए संगम में डुबकी लगाई। आज भी आस्था की डुबकी के साथ ही अनेकों लोगों ने अपने पुरखों के नाम की भी डुबकी लगाई। किसी ने स्वर्गवासी हो चुके अपने पुरखों के नाम से पांच डुबकी लगाई तो किसी ने सात डुबकी लगा कर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की। स्नान करने के बाद संगम क्षेत्र में दान भी दिया जा रहा है।
मकर संक्रांति पर भंडारा
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में धार्मिक और सामाजिक संगठनों की ओर से खिचड़ी और चाय वितरण किया जा रहा है। आस्था के इस भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने के लिए श्रद्धालु जुटे। सड़कों के किनारे खड़े होकर गंगा मइया का जयकारा लगते हुए लोग आस्था से प्रसाद ग्रहण करते रहे। इस दौरान कोरोना की निर्धारित गाइडलाइन का पालन भी करने का प्रयास है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर से घाटों पर कटान
मकर संक्रांति पर स्नान जारी है। वहीं गंगा के बढ़ते जलस्तर से घाटों पर कटान भी हो रहा है। पहले स्नान पर्व पर ही सिंचाई विभाग कटान रोकने के प्रयास में है। जलस्तर बढऩे से स्नान घाटों पर कटान हुई कुछ स्थानों के घाट पानी में डूब गए। महावीर पुल के पास स्नान घाट श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया गया। उस घाट पर भी कटान का असर दिखाई दिया। कई मीटर घाट पानी में बह गया। वहीं त्रिवेणी पुल और काली मार्ग पर बनने स्नान घाट पर भी कटान जारी रहा। संगम नोज के पास तेजी से कटान होता रहा। ऐसे में स्नान करने वालों को सावधान रहने की भी सलाह दी जा रही है।
जंक्शन पर जीआरपी ने किया पैदल मार्च
मगर संक्रांति के पर्व के मद्देनजर शुक्रवार की देर रात जीआरपी ने जंक्शन पर पैदल मार्च का सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। प्लेटफार्म पर बैठे लोगों से पूछताछ की गई। प्लेटफार्म नंबर एक से शुरू हुआ निरीक्षण पैदल पुल के माध्यम से छह नंबर तक हुआ। जीआरपी ने लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने, किसी भी लावारिश वस्तु को न छूने समेत विभिन्न विषयों पर जागरूक किया। जीआरपी इंस्पेक्टर आरए राय ने बताया कि प्लेटफार्म पर प्रवेश व निकासी के मार्ग पर भी कड़ी सुरक्षा की गई है।