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Magh mela 2021 : आस्था की ऊर्जा से दमका संगम, मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान-दान

Makar Sankranti 2021 तीर्थराज प्रयाग का संगम तट गुरुवार को मकर संक्रांति पर आस्था के जन प्रवाह का साक्षी बना। यहां 57 दिनी माघ मेले के शुभारंभ पर सर्द हवा आस्थावानों के हौसले नहीं डिगा सकी। पावन त्रिवेणी की धारा व अन्य घाटों पर जमकर पुण्य की डुबकी लगी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:42 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 08:59 PM (IST)
Magh mela 2021 : आस्था की ऊर्जा से दमका संगम, मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान-दान
Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति पर्व पर प्रयागराज में तड़के से ही श्रृद्धालुओं की पुण्य डुबकी का सिलसिला शुरू।

खास बात

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-2:37 बजे दिन में उत्तरायण हुए सूर्यदेव 

-5:17 बजे सायंकाल तक रहा पुण्यकाल

-06 घाटों पर चला स्नान-दान का क्रम

-57 दिनी धर्म अध्यात्म का मेला शुरू 

प्रयागराज, जेएनएन। तीर्थराज प्रयाग का संगम तट गुरुवार को मकर संक्रांति पर आस्था के जन प्रवाह का साक्षी बना। यहां 57 दिनी माघ मेले के शुभारंभ पर सर्द हवा आस्थावानों के हौसले नहीं डिगा सकी। कोरोना का खौफ भी नहीं दिखा। पावन त्रिवेणी की धारा व अन्य घाटों पर जमकर पुण्य की डुबकी लगी। तड़के से शाम छह बजे तक लाखों श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। 

सर्द हवा और कोहरा रहा बेमानी, कोरोना का खौफ नदारद 

कोरोना संक्रमण की बंदिशों और उसके भय से बेफिक्र श्रद्धालु त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी त्रिवेणी (संगम) के आंचल में उत्साहित नजर आए। त्रिवेणी में डुबकी लगाकर निकलने वालों ने सूर्यदेव को अघ्र्य देकर सकल सिद्धि की कामना की। संगम तीरे आस्था की ऊर्जा हर किसी को ओतप्रोत करती नजर आई। तीर्थ पुरोहितों को यथा सामथ्र्य खिचड़ी, काला तिल, गुड़, कंबल आदि का दान कर आशीष लिया। डुबकी लगाने का सिलसिला करीब छह डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच तड़के चार बजे ही आरंभ हो गया था लेकिन, सूर्योदय के बाद स्नानार्थियों की संख्या बढ़ती गई। दोपहर 2:37 बजे सूर्यदेव के उत्तरायण होते ही उत्साह दूना हो गया। पुण्य काल 5:17 बजे तक था, यानी 2 घंटे 40 मिनट। इस दौरान हर-हर गंगे के उद्घोष के बीच संगम व अन्य घाटों पर डुबकियां लगने लगीं। बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली सहित तमाम प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर दान-पुण्य किया। रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, गंगोली शिवाला व फाफामऊ घाट पर भी स्नान हुआ। मकर संक्रांति के साथ ही माघ मेला क्षेत्र संतों व श्रद्धालुओं से आबाद हो गया है। सैकड़ों गृहस्थों ने पूर्वजों को नमन कर कल्पवास शुरू कर दिया। वैसे ज्यादातर कल्पवासी पौषपूर्णिमा (28 जनवरी) तक आएंंगे। सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध दिखा। पुलिस-पीएसी के जवान व घुड़सवार पुलिस बल के जवान लगातार भ्रमण करते रहे। जल पुलिस नाव पर मुस्तैद रही। बीमार पड़े कुछ श्रद्धालुओं का इलाज भी हुआ। 

संतों के शिविर में दिनभर चला भंडारा

माघ मेला क्षेत्र में मकर संक्रांति पर संतों के शिविर में दिनभर भंडारा चला। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए सुबह चाय-पकौड़ी का वितरण हुआ। जबकि भंडारा में खिचड़ी, सब्जी, कचौड़ी व पूड़ी परोसा गया। श्रद्धालुओं ने संतों के शिविर में प्रसाद ग्रहण करके विश्राम किया। संतों का प्रवचन सुनकर घर के लिए प्रस्थान किया।

आचार्यनगर में जगदगुरु स्वामी घनश्यामाचार्य के शिविर में संतों व भक्तों के लिए भंडारा चलाया गया। सुबह से लेकर शाम तक भंडारा कराया गया। दंडी स्वामीनगर में स्वामी विश्वस्वरूप ब्रह्मचारी के शिविर में जनकल्याण के लिए पार्थिव शिवलिंग का निर्माण व अभिषेक शुरू हुआ। संतों व भक्तों ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसका अभिषेक किया। गुरुवार को शिविर में माघ मास पर्यंत भंडारा का आरंभ कर दिया गया। इसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं, खाकचौक में जगदगुरु बिनैका बाबा के शिविर में दिनभर भंडारा चला। बिनैका बाबा ने श्रद्धालुओं को मास्क व सैनिटाइजर वितरित किया। साथ ही श्रद्धालुओं को कोरोना से बचाव के लिए सतर्क रहने की सीख दी।


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