मुस्लिम इलाकों में या अली या हुसैन की गूंज
मोहर्रम की सात तारीख पर मंगलवार को मुस्लिम इलाकों में काफी चहल-पहल रही। मजलिस और अंगारों का मातम कर शहीदों को याद किया गया।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मोहर्रम की सात तारीख पर मंगलवार को मुस्लिम इलाकों में या अली या हुसैन की गूंज रही। हुसैन के शैदाई शाम को अलम जुलूस लेकर निकले तो रात में मेंहदी को कंधा देने के लिए भीड़ उमड़ी। मातम, मजलिस और लंगर का सिलसिला मंगलवार को और तेज हो गया। शिया समुदाय के लोगों ने कहीं अंगारों का तो कहीं छूरी का मातम कर करबला के शहीदों को याद किया। हालांकि सड़क खराब होने की वजह से मंगलवार को रसूलपुर का जुलूस नहीं उठाया गया। दरियाबाद से भी इस बार जुलूस नहीं उठा। आठवीं पर अटाला का अलम जुलूस भी नहीं उठेगा। रात में अटाला की मेंहदी और पहलवान चौराहा करेली से झूला उठाया जाएगा।
करबला की शहादत की याद में मनाए जा रहे गमे मोहर्रम पर पूरी रात मुस्लिम इलाकों में इमाम हुसैन के शैदाई मातम मना रहे हैं। दरियाबाद, रानीमंडी, करेली, दायराशाह अजमल आदि मुहल्लों में सीनाजनी, नौहाख्वानी के बीच आंखें नम हो रही हैं। मजलिस के बाद पूरी रात लंगर किया जा रहा है।
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बड़ा ताजिया में उमड़े जायरीन
मोहर्रम की सातवीं पर मंगलवार को बड़ा ताजिया इमामबाड़े पर जायरीनों की भारी भीड़ जुटी। सुबह से देर रात तक महिलाओं का तांता लगा रहा। मेंहदी पर फूल चढ़ाकर मन्नतें मांगी गई। सैकड़ों लोगों ने इमामबाड़े पर फातेहा कराके इमाम हुसैन के नाम लंगर किया। मुतवल्ली रेहान खां के मुताबिक, नौवीं पर ताजिया जियारत के लिए रखा जाएगा। ताजिया उठाया नहीं जाएगा बल्कि दसवीं पर फूल ले जाकर करबला में दफन किया जाएगा। उनका कहना है कि कुछ लोग अफवाहें उड़ाकर शरारत कर रहे हैं जबकि सड़क के हालात ऐसे नहीं हैं कि हजारों लोग कंधा देते हुए ताजिया को ले जा सकें। उन्होंने कहा कि जगह जगह गंदा पानी बह रहा है, ताजिया उस रास्ते से ले जाना संभव नहीं था।
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नौवीं पर उठेगा असगर अली का झूला
मासूम अली असगर का झूला उठाने की तैयारी तेज हो गई है। मोहर्रम झूला कमेटी के संयोजक गुलाम रसूल के मुताबिक, झूला एससी बसु रोड, बहादुरगंज से नौंवी की रात उठाया जाएगा। कंधे पर हुसैन के शैदाई झूले को सब्जीमंडी चौक स्थित इमामबाड़े पर लाएंगे।
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