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प्रयागराज में पहला व्याख्यान देने महामना के आवास से म्योर सेंट्रल कालेज तक नंगे पांव गए थे महात्मा गांधी, जानिए क्या कहा था?

प्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी ने इकनामिक्स सोसाइटी की सभा में लिखित व्याख्यान दिया था। वे मालवीय जी के घर से म्योर सेंट्रल कालेज तक पैदल ही गए थे। वे बहुत तेज चलते थे। उन्होंने छात्रों से बातचीत के दौरान ब्रह्मचर्य तथा संयम पर जोर दिया था।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 01:48 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 01:48 PM (IST)
प्रयागराज में पहला व्याख्यान देने महामना के आवास से म्योर सेंट्रल कालेज तक नंगे पांव गए थे महात्मा गांधी, जानिए क्या कहा था?
प्रयागराज में महात्मा गांधी ने 1916 में अपना पहला व्याख्यान दिया था।


प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में जननायकों का आना जाना हमेशा रहा है। आजादी के पहले और बाद में सभी बड़े नेता यहां जरूर आए थे। महात्मा गांधी वैसे 1896 मेंं पहली बार इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आए थे किंतु वह एक आकस्मिक घटना थी। उसके बाद उनकी ख्याति बढ़ी तो उन्हें विभिन्न स्थानों पर बुलाया जाने लगा। प्रयागराज में महात्मा गांधी ने 1916 में अपना पहला व्याख्यान दिया था। महामना मदन मोहन मालवीय के जार्जटाउन स्थित आवास से वे म्योर सेंट्रल कालेज तक पैदल ही नंगे पांव गए थे।  

सभा का हुआ था प्रचार
इतिहासकार प्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी को म्योर सेंट्रल कालेज की इकनामिक्स सोसाइटी ने आमंत्रित किया था। 22 दिसंबर 1916 को सोसाइटी की सभा को संबोधित करने का आमंत्रण महात्मा गांधी ने स्वीकार किया था। उस समय महात्मा गांधी के आने की बात काफी प्रचारित हुई थी। तब इकनामिक्स सोसाइटी ने जिस स्थान को चुना था वहां अधिक लोग नहीं बैठ सकते थे। सभा का इतना प्रचार हो गया था कि लोगों ने व्यक्तिगत रूप से आयोजकों से संपर्क करके महात्मा गांधी का भाषण सुनने की इच्छा व्यक्त की थी। ऐसे में म्योर सेंट्रल कालेज में सभा कराने का फैसला हुआ। कालेज के प्राचार्य ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अन्य कार्य सोसाइटी पर छोड़ दिया।

महामना के आवास पर ठहरे थे महात्मा गांधी
प्रो.तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी प्रयागराज आने पर महामना मदन मोहन मालवीय के जार्जटाउन आवास पर ठहरे थे। उनके साथ रामदास गांधी, डॉ.जीजे मेहता तथा मिस्टर पोलक थे। वे मालवीय के घर पर तीन दिन रुके थे। इसबीच उन्होंने नगर के तमाम गणमान्य नागरिकों तथा विभिन्न वर्गों के लोगों से बात की जिसमें छात्र शामिल थे।

लिखित व्याख्यान दिया था
प्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी ने इकनामिक्स सोसाइटी की सभा में लिखित व्याख्यान दिया था। वे मालवीय जी के घर से म्योर सेंट्रल कालेज तक पैदल ही गए थे। वे बहुत तेज चलते थे। उन्होंने छात्रों से बातचीत के दौरान ब्रह्मचर्य तथा संयम पर जोर दिया था। गांधी ने जो व्याख्यान पढ़ा था उसका शीर्षक था क्या आर्थिक प्रगति का आध्यात्मिक विकास से टकराव होता है। उसके बाद उन्होंने सभा में लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। सभा के दौरान उन्होंने व्याख्यान की लिखित कापी अमरनाथ झा को देते हुए कहा कि इसे सीवाई चिंतामणि को दे आइए और उनसे कहिएगा वे प्रूफ पढ़ने के लिए इसे मेरे पास भेज देंगे। जब लीडर प्रेस से प्रूफ और लेख की मूल प्रति आई तो अमरनाथ झा ने महात्मा गांधी से आग्रह करके मूल प्रति अपने पास रख ली।

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