महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद मठ में पनपी तकरार खत्म, महंत बलवीर गिरि व अमर गिरि में सुलह
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर बलवीर गिरि व अमर गिरि के बीच पिछले कई दिनों से चल रही तकरार खत्म हो गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी के प्रयास से उन दोनों में बुधवार को सुलह हो गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर बलवीर गिरि व अमर गिरि के बीच पिछले कई दिनों से चल रही तकरार खत्म हो गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी के प्रयास से दोनों में सुलह हो गई है। दोनों अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं। नरेंद्र गिरि को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप उनके अन्य शिष्य आनंद गिरि जेल में बंद हैं। आनंद के खिलाफ अमर गिरि की तहरीर पर ही मुकदमा लिखा गया था और अब अमर गिरि ने सुलह के बावजूद कहा है कि मुकदमे से वह अपना नाम वापस लेंगे।
हरिद्वार से आकर बलवीर और अमर के बीच कराया समझौता
अमर गिरि और बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी पवन महाराज के प्रार्थना पत्र के आधार पर आनंद गिरि के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है। बीते दिनों दोनों ने एफआइआर वापस लेने का कोर्ट में हलफनामा दिया है। इससे बलवीर व अमर गिरि के बीच विवाद होने की बात सामने आयी थी। इस पर रवींद्र पुरी मंगलवार की रात हरिद्वार से प्रयागराज आए। उन्होंने बुधवार को दोनों को बैठाकर सारे मुद्दों पर चर्चा किया। इसके बाद कानून व अखाड़े की परंपरा का हलावा देते हुए दोनों सुलह करवा दिया।
सीधा सादा महात्मा, मुकदमे से अपना नाम लिया वापस
रवींद्र पुरी का कहना है कि अमर गिरि सीधा सादा महात्मा है। वो पुलिस व कोर्ट के चक्कर में नहीं फंसना चाहता, इसलिए अपना नाम वापस लिया है। इससे केस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, बलवीर गिरि का कहना है कि उन्होंने अमर गिरि को व्यवस्था से नहीं हटाया है। अमर गिरि ने कहा कि मठ व मंदिर के प्रति उनका समर्पण पहले की तरह बना है।