Move to Jagran APP

मुख्‍तार अंसारी से जुड़ी बड़ी खबर, डबल लाक में रखी मुख्तार की शस्त्र पत्रावली गायब, ऐसे हुआ खुलासा

अदालत में पेश की गई पत्रावली पर शस्त्र संबंधित अभिलेख न होने पर विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने डीएम गाजीपुर से अभिलेख तलब किए थे ताकि मुकदमे की सुनवाई की जा सके। जिलाधिकारी गाजीपुर मंगला प्रसाद सिंह ने पत्रावली गायब होने की सूचना न्यायालय को दी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 12:19 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 12:19 PM (IST)
मुख्‍तार अंसारी से जुड़ी बड़ी खबर, डबल लाक में रखी मुख्तार की शस्त्र पत्रावली गायब, ऐसे हुआ खुलासा
माफिया मुख्तार अंसारी के नाम पर जारी फर्जी शस्त्र लाइसेंस की पत्रावली गाजीपुर कलेक्ट्रेट के कोषागार से गायब है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। माफिया मुख्तार अंसारी के नाम पर जारी फर्जी शस्त्र लाइसेंस की पत्रावली गाजीपुर कलेक्ट्रेट के कोषागार से गायब हो गई है। जिलाधिकारी के जाली हस्ताक्षर से शस्त्र लाइसेंस जारी हुआ था। शस्त्र लाइसेंस 1989 में फर्जी तरीके से जारी हुआ था। इसका खुलासा हुआ। इस मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए स्‍पेशल कोर्ट कर रही है। आइए जानें कि पूरा मामला क्‍या है और पत्रावली गायब होने का कैसे खुलासा हुआ। 

loksabha election banner

इस मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट कर रही है

उक्‍त मामले की जांच में लाइसेंस फर्जी पाए जाने पर तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर 30 जून 2003 को कोषागार के डबल लाक में पत्रावली सुरक्षित रखवा दी गई थी। 1991 में थाना मोहम्मदाबाद में मुख्तार के खिलाफ फर्जी शस्त्र लाइसेंस से शस्त्र लेने का मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इस मुकदमे की सुनवाई एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट कर रही है। मुकदमे की मानीटरिंग सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। पत्रावली साक्ष्य स्तर पर लंबित है।

विशेष न्‍यायाधीश ने गाजीपुर डीएम से अभिलेख किया था तलब

अदालत में पेश की गई पत्रावली पर शस्त्र संबंधित अभिलेख न होने पर विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने डीएम गाजीपुर से अभिलेख तलब किए थे ताकि मुकदमे की सुनवाई की जा सके। जिलाधिकारी गाजीपुर मंगला प्रसाद सिंह ने पत्रावली गायब होने की सूचना न्यायालय को दी है। बताया है कि मुख्तार अंसारी की शस्त्र पत्रावली कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार के डबल लाक में नहीं है। जिस जिलाधिकारी के हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस जारी हुए था, वह कोर्ट में बयान दे चुके हैं कि शस्त्र पत्रावली पर हस्ताक्षर उनके नहींं हैंं। कूटरचित तरीके से जारी शस्त्र लाइसेंसों की जांच जिलाधिकारी के आदेश के बाद सीबीसीआईडी ने की। इस जांच में कुल 27 शस्त्र लाइसेंस फर्जी पाए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.