Umesh Pal Murder: माफिया अतीक के दोनों बेटे राजरूपपुर के बाल गृह में, खाने में खा रहे रोटी-दाल और अचार
उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपित माफिया अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटे बाल गृह में है। बता दें कि अतीक की पत्नी शाइस्ता की ओर से अदालत में अर्जी देकर कहा था कि पुलिस ने चकिया स्थित घर से उनके दो नाबालिग बेटों को पकड़ा है।
प्रयागराज, जासं। उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित माफिया अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटों को प्रयागराज में ही राजरूपपुर स्थित बाल सुधार गृह में रखा गया है। तकरीबन एक माह बाद अब यह बात पुलिस ने स्पष्ट तौर पर अदालत में बताई है। पिछले एक महीने से इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हो रही थी। पिछली तारीख पर अदालत ने थाना प्रभारी के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया था। न्यायालय ने रिपोर्ट को पत्रावली पर रखने का आदेश दिया है।
अगली सुनवाई सोमवार को होगी। 24 फरवरी को उमेश पाल और दो गनर की हत्या के तीसरे दिन अतीक की पत्नी शाइस्ता की ओर से अदालत में अर्जी देकर कहा गया था कि पुलिस ने चकिया स्थित घर से उनके दो नाबालिग बेटों को पकड़ लिया। उन्हें कहां रखा गया है, इस बारे में कुछ बताया नहीं जा रहा है। इस प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने धूमनगंज थाने से रिपोर्ट तलब की। थाना प्रभारी ने दो तारीख के बाद रिपोर्ट दी कि दोनों बेटों को दो मार्च को चकिया में लावारिश मिलने पर बाल संरक्षण गृह में रख दिया था। इस पर शाइस्ता के वकीलों ने अदालत से आग्रह किया कि बताया जाए कि दोनों बेटों को किस जिले के संरक्षण गृह में रखा गया है।
आख्या मांगने पर धूमनगंज थाना प्रभारी द्वारा सील बंद लिफाफा में न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी गई थी। न्यायालय ने इसे वापस कर दिया था और कहा था कि अदालत में खुली रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। फिर भी थाना प्रभारी ने रिपोर्ट नहीं दी तो न्यायालय ने थाना प्रभारी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया। अब शुक्रवार को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत लिखित रिपोर्ट में थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्या ने स्पष्ट किया कि अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बच्चों को दो मार्च को बाल कल्याण अधिकारी के सामने प्रस्तुत किया गया था। वहां से उन दोनों राजरूपपुर (प्रयागराज) स्थित बाल गृह में ही भेज दिया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने धूमनगंज थाने की आख्या को पत्रावली पर रखने का आदेश दिया। अधिवक्ता मनीष खन्ना एवं विजय मिश्र ने तर्क दिया कि रिपोर्ट का अवलोकन करने के पश्चात विधिक स्थिति के संबंध में न्यायालय के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया जाएगा, इसलिए मामले की सुनवाई सोमवार 27 मार्च को की जाए। वहीं, राजरूपपुर में 60 फीट मार्ग स्थित बाल गृह में माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटों को लाए जाने के बाद वहां हर वक्त दो दारोगा और चार सिपाहियों की तैनाती रहती है।
आरामदेह-विलासिता के आदी और लजीज व्यंजन के शौकीन माफिया अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटे बाल गृह में दाल-रोटी और अचार खा रहे हैं। चावल और सब्जी भी दिया जा रहा है। परिवार से कोई संपर्क नहीं होने की वजह से उन दोनों को पहनने के लिए बाल गृह की ओर से नए कपड़े दिए गए हैं। आठ कमरों के बाल गृह में 30 से ज्यादा बच्चे हैं। सूत्रों के मुताबिक अतीक के दोनों बेटों को एक कमरे में अलग रखा गया है और सामान्य बालकों वाली सुविधाएं दी गई हैं।
अतीक के पांच पुत्रों में दो बड़े लड़के उमर और अली जेल में बंद हैं। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के साथ तीनों छोटे बेटे चकिया के किराये के मकान में रह रहे थे, क्योंकि पुराने पुश्तैनी बंगले को पीडीए ने ढहा दिया था। 24 फरवरी को उमेश पाल और दोनों गनर की हत्या में नामजद तीसरे नंबर का बेटा असद फरार है। उसी रात चकिया वाले मकान से दोनों नाबालिग बेटे भी लापता हो गए थे।
खुद फरार होने के बाद शाइस्ता परवीन ने वकीलों के जरिए अदालत में अर्जी दी तो पुलिस ने बताया कि बेटों को प्रयागराज में ही बाल गृह में रखा गया है। करोड़ों की दौलत के बूते विलासिता भरी जिंदगी जीने वाले अतीक के बेटों को बाल गृह में नियमानुसार भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज मिश्रा मिश्रा ने बताया कि बाकी 30 अन्य बालकों की तरह ही इन दोनों माफिया पुत्रों को भी सुबह शाम सादा खाना और नाश्ता मिल रहा है।