धनुष टूटते ही लगे भगवान राम के जयकारे
करछना गाव में चल रही रामलीला के दौरान धनुष यज्ञ रामलीला का सफल मंचन किया गया। इस दौरान मंच पर पहुंचे विधायक शहर उत्तरी हर्षवर्धन बाजपेई ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का लोक जीवन अनुकरणीय है जिसे हर व्यक्ति को रामायण की रचनाओं को जीवन में उतारना चाहिए।
करछना : करछना गाव में चल रही रामलीला के दौरान धनुष यज्ञ रामलीला का सफल मंचन किया गया। इस दौरान मंच पर पहुंचे विधायक शहर उत्तरी हर्षवर्धन बाजपेई ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का लोक जीवन अनुकरणीय है, जिसे हर व्यक्ति को रामायण की रचनाओं को जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने गावों में रामलीला के इस परंपरा को सजोने के लिए लोगो की प्रशसा की। मंचन के दौरान कलाकारों द्वारा धनुष यज्ञ रामलीला के दौरान जनक द्वारा आयोजित सीता स्वयंर में पहुंचे देश देश के राजाओं द्वारा धनुष खंडन न करने पर मायूस जनक ने कहा कि हे देश देश के राजागण हम किसे कहे बलशाली हैं। इस पर लक्ष्मण ने संताप को खत्म करते हुए कहा कि सच्चे योद्धा अपमान नहीं सह सकते, जिनको सुनने की ताप वह चुक कैसे रह सकते हैं। इस संवाद पर दर्शक रोमाचित हो उठे और लक्ष्मण के अभिनय पर दर्शकों ने खूब तालिया बजाई। वहीं परशुराम- लक्ष्मण संवाद सहित अन्य कलाकारों के अभिनय को दर्शकों ने सराहा।
राम का बाण लगते ही धू-धू कर जल गया रावण
कोड़ापुर : क्षेत्र के सराय शेषपुर उर्फ सल्मापुर दीवानगंज की श्रीराम लीला कमेटी द्वारा नौ दिनों तक चली रामलीला मंचन के बाद बलकरनपुर गांव के पास दशहरा मेले का आयोजन किया गया। वहां राम और रावण के घोर संग्राम के बाद अंत में विभीषण के कहने पर भगवान राम ने रावण की नाभि में बाण मारा तो रावण धू-धू करके जलने लगा। इस मौके पर आसपास के उपस्थित ग्रामीणों ने जहां मेले का लुफ्त उठाया वहीं राम और रावण के युद्ध का आंनद लिया। इस अवसर पर कमेटी के संयोजक चंचल पांडेय, प्रेमचंद्र साहू, दक्षिणी प्रसाद साहू, रमेशचंद्र साहू, रिकू दूबे, विष्णु साहू, कमलेश कुमार मौर्य, राजू सिंह आदि रहे।