शहर में ढाई घंटे मंडराने के बाद फिर मप्र लौटा टिड्डी दल Prayagraj News
इसके जमीन पर उतरते समय सावधान रहने की आवश्यकता है। किसान ढोल टायर व आग जलाकर धुआं करके साइलेंसर हटा कर ट्रैक्टर चला कर फसलों को बचाने का प्रयास कर सकते हैैं।
प्रयागराज,जेएनएन। मध्य प्रदेश से आया टिड्डी दल जिले में तीन दिन तक तबाही मचाने के बाद फिर मध्य प्रदेश ही लौट गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जियों व फलों की खेती को टिड्डी दल ने भारी नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा पौधों की भी क्षति हुई। गुरुवार सुबह शहर में लगभग ढाई घंटे मंडराते हुए दल चित्रकूट होते हुए मध्य प्रदेश के सतना जिले के जंगल में डेरा जमा लिया। शहर में कुछ स्थानों पर पेड़ों व छतों पर गमलों में लगाए पौधों को नुकसान पहुंचाया।
गंगापार से शहर की ओर आया टिडडी दल
मध्य प्रदेश के रीवा जिले से सोहागी, चाकघाट होते हुए टोंस नदी के किनारे से टिड्डी दल मंगलवार शाम को कोरांव के खीरी इलाके के कल्याणपुर और बहरैचा गांव पहुंचा था। दूसरे दिन बुधवार सुबह ही टिड्डी दल वहां से उड़ा और टोंस नदी के किनारे करछना के धरवारा, पनासा, मेडऱा होते हुए गंगापार हो गया था। गंगा के कछार होते हुए हंडिया के सैदाबाद इलाके में दिन भर रहा। शाम को बहादुरपुर इलाके के कई गांवों में पहुंच गया। बुधवार को ही यहां पहुंची भारत सरकार की केंद्रीय टीम भी बहादुरपुर के गांवों में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंची। पूरी रात रासायनिक घोल का छिड़काव कराया गया।
शहर में ढाई घंटे मंडराता रहा टिडडी दल
जिला कृषि अधिकारी डॉ.अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि लगभग नौ बजे टिड्डी दल बहादुरपुर व हनुमानगंज इलाके के गांवों से उड़ा तो दारागंज, बघाड़ा की ओर से शहर में प्रवेश किए। अल्लापुर, टैगोर टाउन, जार्जटाउन, बैरहना, कीडगंज, रामबाग, सिविल लाइंस, कटरा, चौक, बेनीगंज, नखास कोहना, खुल्दाबाद, कसारी-मसारी, कालिंदीपुरम इलाके में लगभग एक घंटे तक टिड्डी दल आसमान में मंडराता रहा। इन क्षेत्रों में पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद कौशांबी के नेवादा ब्लाक क्षेत्र के गांवों से होते हुए टिड्डी दल यमुना नदी को पार कर चित्रकूट के बरगड़ के जंगल में जा पहुंचा। वहां से रात में मध्य प्रदेश के सतना के जंगल में पहुंच गया।
अफ्रीका व खाड़ी देशों से आया दल
-उप निदेशक कृषि विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि प्रयागराज में टिड्डी दल अफ्रीका व खाड़ी देशों से आया था। टिड्डी एक प्रकार का कीट है जो तीन इंच तक लंबा व पीले रंग का सुंदर कीट होता है। यह अफ्रीका व खाड़ी देशों और पाकिस्तान से चल कर राजस्थान के रेतीले इलाके से होते हुए गर्म हवा के प्रवाह के साथ समर ब्रीडिंग के लिए आया था। दिन में यह बार-बार छोटी बड़ी उड़ान भरते हैं और रात में अंधेरा होने के बाद बैठ जाते हैं तथा रेतीली व मुलायम जमीन में एक बार मे 1200 तक अंडे देता है। यह दल जहां बैठता है वहां की सारी वनस्पतियां पलक झपकते चट कर जाता है। एक झुंड में इनकी संख्या लाखों से करोड़ों तक हो सकती है। जो उड़ते समय पीले रंग की आंधी की तरह दिखता है।
केंद्रीय टीम सतना रवाना
टिड्डी दल के लौट जाने के बाद भारत सरकार की पांच सदस्यीय टीम भी मध्य प्रदेश के सतना के लिए रवाना हो गई। यह टीम झांसी में थी और बुधवार को यहां पहुंची थी। टीम का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय टिड्डी नियंत्रण केंद्र फरीदाबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.कुमार प्रदीप ने बताया कि प्रयागराज में 90 फीसद के करीब टिड्डी मार गिराया गया है। कृषि विभाग के अफसरों ने बताया कि जो भी नुकसान हुआ है, उसका जल्द ही आकलन कराया जाएगा।
शहरियों के लिए गाइडलाइन जारी
-टिड्डी दल भले ही जिले से चला गया है मगर हवा के रुख से इसके फिर लौटने की आशंका है। इसलिए शहरियों के लिए भी कृषि विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। इसके जमीन पर उतरते समय विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। किसान ढोल, थाली बजाकर, टायर व आग जलाकर, धुआं करके, साइलेंसर हटा कर ट्रैक्टर चला कर फसलों को बचाने का प्रयास कर सकते हैैं। शहर में लोग छतों पर न निकलें। हड़बड़ी न बरतें। महिलाएं व बच्चे घर के अंदर रहें व खिड़की दरवाजे बंद रखें। वाहन न चलाएं, रोक कर खड़े हो जाएं। यह काटता नहीं है और न ही जहरीला होता है।