एसआरएन अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी का लाइव प्रसारण
एसआरएन अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी का लाइव प्रसारण रविवार को किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रीतमदास सभागार में चिकित्सकों ने देखा।
इलाहाबाद : स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में यह पहला मौका था जब बाहर से आए आठ विशेषज्ञ डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी कर रहे थे और मेडिकल कॉलेज के प्रीतमदास सभागार में बैठे डॉक्टर उसे लाइव देख रहे थे। यहां बैठे सर्जन ऑपरेशन की नई-नई विधियों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे थे। आठ बच्चों की हाइपोस्पोडियास सर्जरी (पुरुषों में मूत्रमार्ग की समस्या) की गई।
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एक वर्कशाप का आयोजन किया गया। इसमें जयपुर, आगरा, लखनऊ, नई दिल्ली, पुणे से आए डॉक्टरों ने ऐसे आठ बच्चों का ऑपरेशन किया, जिनमें मूत्र मार्ग नीचे की सतह पर जन्मजात होते हैं। ओटी संख्या पांच में डॉक्टरों की टीम ऑपरेशन कर रही थी तो मेडिकल कॉलेज में लाइव देख रहे डॉक्टर ओटी में सर्जरी कर रहे डॉक्टरों से सीधे सवाल पूछकर जानकारी हासिल कर रहे थे। करीब नौ घंटे चले ऑपरेशन में आठ बच्चों की सर्जरी की गई।
ऑपरेशन डॉ. अमी लाल भट्ट, डॉ. एसएन कुरील, डॉ. अनिल जैन, डॉ. वीरेंद्र, डॉ. जीजी सिंघल, डॉ. एचएस भाटयाल, डॉ. एके सिंह व डॉ. पंकज जोशी ने किया। वर्कशाप का उद्घाटन प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने किया। इसमें सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. शबी अहमद, डॉ. दिलीप चौरसिया, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. शारदा, डॉ. उर्मिला व अन्य रहे।
ऑपरेशन के बाद बोले डॉक्टर :
हाइपोस्पोडियास एक जन्मजात समस्या है। दो साल के अंदर ही ऑपरेशन कराना ठीक होता है। कम उम्र में सर्जरी कराना ही उचित रहता है।
-डॉ. एके सिंह, प्लास्टिक सर्जन केजीएमयू लखनऊ
इस ऑपरेशन से बच्चों के मूत्र मार्ग पर दूसरा छिद्र बनाते हैं। अधिक उम्र होने पर यह उतना सफल नहीं होता है। इसके लिए अभिभावक को खास ध्यान देना चाहिए।Ó
-डॉ. अमीलाल भट्ट, जयपुर हॉस्पिटल
ऐसे दो बच्चों की हाइपोस्पोडियास सर्जरी की है जिनका दो बार फेल हो चुका है। अभिभावक बिना किसी संकोच के इसे डॉक्टर को दिखाएं तो बेहतर होगा।
-डॉ. पंकज जोशी, पूना
भारत में 300 में से एक बच्चा इस विकृति का शिकार होता है। नई विधियों के जरिए एक ही स्टेज में डॉक्टर आपरेशन करते हैं।
-डॉ. जीजी सिंघल, आगरा