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शाइन सिटी की तरह एक और कंपनी ने किया प्रयागराज में फ्राड, लाखों रुपये बटोरने के बाद ताला लगाकर फरार

करीब पांच माह पहले पता चला कि कंपनी का दफ्तर और कर्मचारी बैरहना में नहीं है। कंपनी लोगों का पैसा लेकर भाग गई। किसी तरह कंपनी मालिक का पता चला तो उनसे भूखंड अथवा पैसे देने की मांग की गई। तब गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई।

By Tara GuptaEdited By: Ankur TripathiPublished: Wed, 30 Nov 2022 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 12:44 PM (IST)
शाइन सिटी की तरह एक और कंपनी ने किया प्रयागराज में फ्राड, लाखों रुपये बटोरने के बाद ताला लगाकर फरार
आवासीय प्लाट देने के नाम पर की ठगी, कोर्ट के आदेश पर कीडगंज में मुकदमा

प्रयागराज, जेएनएन। जमीन के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करके एक और कंपनी भाग गई है। कोर्ट के आदेश पर और सुनील कुमार, मनोज कुमार शिकायत पर कीडगंज पुलिस ने बहादुरपुर सरायइनायत निवासी मनोज कुमार भारतीया, उसके भाई सरोज भारतीया व मड़उका नैनी के विजेता निषाद के खिलाफ मुकदमा कायम किया है।

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सस्ते में प्लाट के चक्कर में जमा किए 15-15 लाख रुपये

डभांव नैनी निवासी सुनील कुमार और दांदूपुर घूरपुर के रहने वाले मनोज कुमार का आरोप है कि कुछ साल पहले बैरहना मोहल्ले में प्रगति इंफ्रा कंपनी का दफ्तर खोला गया। कंपनी का संचालन मनोज भारतीया अपने भाई समेत अन्य के साथ कर रहा था। आरोप है कि ग्रामीण क्षेत्र में कंपनी का प्रचार प्रसार किया गया और लोगों को सस्ते दाम पर आवासीय भूखंड देने की बात कही गई। दोनों ने कंपनी में 15-15 लाख रुपये जमा किया।

पीड़ितों ने ली अदालत की शरण

करीब पांच माह पहले पता चला कि कंपनी का दफ्तर और कर्मचारी बैरहना में नहीं है। कंपनी लोगों का पैसा लेकर भाग गई है। किसी तरह कंपनी के मालिक का पता चला तो उनसे भूखंड अथवा पैसे देने की मांग की गई। तब गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। इससे परेशान भुक्तभोगियों ने कीडगंज थाने में लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पुलिस रवैये से नाराज पीड़ितों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मनोज भारतीया समेत तीन के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है।

22 लोगों ने जमा किया था पैसा 

बताया गया कि सुनील और मनोज कुमार कंपनी में बतौर एजेंट काम करते थे। उन्होंने गंगापार और यमुनापार के 22 लोगों का पैसा कंपनी में निवेश करवाया था। सभी को सस्ते दाम पर आवासीय भूखंड उपलब्ध कराने का वादा किया गया था। पुलिस का कहना है कि दिनेश कुमार, श्यामबाबू, रामबाबू, सनोज, रितेश, अजय, मोहित, रोहित, रन्नो, अंतिमा, पप्पू, सविता, आनंद, चांददाता, मालती देवी, बरमदीन, श्रेयांश, कंधईलाल, किरन देवी, विशाल, अंजेश और गीता देवी ने पैसा जमा किया था, जिनके साथ ठगी की गई। पीड़ितों में ज्यादातर घूरपुर इलाके के रहने वाले हैं।


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