प्रतापगढ़ के कालाकांकर जंगल में दिखा तेंदुआ, दहशत में ग्रामीण Prayagraj News
तेंदुए का नाम सुनते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई। सूचना मिलते ही नवाबगंज पुलिस गांव पहुंची और वन कर्मियों एवं ग्रामीणों को लेकर जंगल पहुंची।
प्रयागराज, जेएनएन। पडोसी जनपद प्रतापगढ़ के कालाकांकर विकास खंड व संग्रामपुर के बीच जंगल में चरवाहों को एक तेंदुआ दिखा। यह बात ग्रामीणों को पता चली तो वह दहशत में आ गए। वह पेड़ के नीचे बैठा बताया गया। हालांकि बाद में उसकी तलाश में गए पुलिस वालों व वन कर्मियों को कुछ नहीं मिला।
मवेशी चराने गए लोगों ने देखा
कालाकांकर गांव निवासी राजेंद्र कुमार व राजकुमार अपने मवेशी लेकर जंगल की तरफ गए थे। शुक्रवार की दोपहर करीब वह मवेशी चराते हुए जंगल के बीच पहुंचे तो उन लोगों ने देखा कि एक पेड़ के नीचे भूरे रंग का तेंदुआ बैठा हुआ है। वहां से दोनों अपने-अपने मवेशी जंगल में ही छोड़ भाग कर गांव पहुंचे। इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। तेंदुए का नाम सुनते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
वन कर्मी और पुलिस टीम ने जंगल में तेंदुए को तलाशा
सूचना मिलते ही नवाबगंज पुलिस गांव पहुंची और वन कर्मियों एवं ग्रामीणों को लेकर जंगल पहुंची। वहां पर पुलिस और ग्रामीणों ने तेंदुए की तलाश शुरू कर दी, लेकिन उसका पता नहीं चला। क्षेत्राधिकारी कालाकांकर आरके सिंह का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। फिलहाल जंगल में छानबीन कराकर पता लगाया जाएगा।
पहले भी देखे जा चुका है तेंदुआ
ऐसा नहीं की तेंदुआ देखे जाने की यह पहली घटना है। एक साल पहले एक तेंदुआ बाघराय बाजार में आ गया था। पहले लोगों के शोर मचाने पर पेड़ पर चढ़ गया था। इसके बाद वह कूदकर कई घंटे इधर-उधर भागता रहा, बाद में वह सूखे कूएं में गिर गया। लोगों ने अपने बचाव में उस पर घास और पुआल डालकर आग लगा दी थी। इससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में कुछ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट भी हुई थी। इसी क्षेत्र से दो साल पहले एक तेदुंआ पकड़ा भी गया था। इसे कानपुर चिडिय़ा घर भेज दिया गया था।