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प्रयागराज में 2003 में विधानमंडल और 2019 में हुई थी कैबिनेट की बैठक Prayagraj News

नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज एंड अवध विधानमंडल की पहली बैठक आठ जनवरी 1887 को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क स्थित थार्नहिल मेन मेमोरियल हॉल (पब्लिक लाइब्रेरी) में हुई थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 01:10 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 04:19 PM (IST)
प्रयागराज में 2003 में विधानमंडल और 2019 में हुई थी कैबिनेट की बैठक Prayagraj News
प्रयागराज में 2003 में विधानमंडल और 2019 में हुई थी कैबिनेट की बैठक Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। आठ जनवरी 1887 को विधानमंडल की पहली बैठक के परिप्रेक्ष्य में 2003 में उत्तरशती समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें विधानमंडल की बैठक हुई थी। कैबिनेट के सदस्यों के साथ ही विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों ने हिस्सा लिया था। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी, तत्कालीन राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी शरीक हुई थीं। इसके बाद पिछले साल 2019 में कैबिनेट बैठी थी। तब दैनिक जागरण ने बैठक को लेकर समाचारीय अभियान भी चलाया था। कुंभ के दौरान हुई इस बैठक में प्रयागराज के लिए बड़ी परियोजना की सैद्धांतिक सहमति बनी थी। प्रयागराज से मेरठ तक के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की सहमति पर मुहर लगी थी। उस बैठक के साथ यहां 132 साल पुराना इतिहास दोहराया गया था।

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थार्नहिल मेन मेमोरियल हॉल में हुई थी पहली बैठक

नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज एंड अवध विधानमंडल की पहली बैठक आठ जनवरी 1887 को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क स्थित थार्नहिल मेन मेमोरियल हॉल (पब्लिक लाइब्रेरी) में हुई थी। उसमें कार्यालय, पदाधिकारियों की नियुक्ति के अलावा मवेशियों के खिलाफ क्रूरता संबंधी समेत कई बिल पारित हुए थे। इंडियन कौंसिल एक्ट 1861 के तहत बंबई, मद्रास तथा बंगाल प्रेसीडेंसी की स्थापना हुई थी लेकिन उस समय अवध तथा पंजाब में कोई विधानमंडल नहीं था। उत्तर प्रदेश का क्षेत्र बंगाल प्रेसीडेंसी के अंतर्गत था। इंडियन नेशनल कांग्रेस के 1885 और 1886 के इलाहाबाद अधिवेशन में नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज और अवध को मिलाकर लेजिसलेटिव कौंसिल के गठन की मांग की गई। इनमें भारतीयों का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करने की मांग की थी। महामना मदन मोहन मालवीय ने तो कह दिया था कि बिना प्रतिनिधित्व कोई टैक्स नहीं दिया जाएगा। इससे बने दबाव के बाद एक दिसंबर 1886 को कौंसिल का गठन हुआ। फिर आठ जनवरी को 1887 को पब्लिक लाइब्रेरी में पहली बैठक हुई।

1887 में हुईं थीं छह बैठकें

कौंसिल की छह बैठकें 1887 में हुईं थीं। पहली आठ जनवरी, दूसरी 19 फरवरी, तीसरी 19 मार्च, चौथी 16 अप्रैल, पांचवीं 23 अप्रैल तथा छठीं 11 नवंबर को हुई थी। यही आखिरी बैठक भी रही और उसमें कौंसिल को भंग कर दिया गया था। ये बैठकें पब्लिक लाइब्रेरी के अलावा मेयो हाल, मेयो सेंट्रल कालेज (इलाहाबाद विश्वविद्यालय का विज्ञान संकाय परिसर), गर्वनमेंट हाउस (मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज) तथा गवर्नमेंट प्रेस में हुई थीं। एजी ऑफिस और पुलिस मुख्यालय उन दिनों कौंसिल के कार्यालय हुआ करते थे। इसके बाद 21 नवंबर को सर आकलैंड काल्विन को उत्तर पश्चिम प्रांत का नया लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त किया गया।


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