नए विश्वविद्यालय से प्रयाग से बहेगी विधि शिक्षा की सुरसरि
नए विश्वविद्यालय से प्रयाग से बहेगी विधि शिक्षा की सुरसरि। जिले में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी खोले जाने के फैसले को विधि विशेषज्ञों ने सराहा है।
जासं, प्रयागराज : शहर में नेशनल लॉ यूनिवíसटी खोले जाने की घोषणा 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने की थी। अब योगी आदित्यनाथ की सरकार इसे मूर्त रूप देने जा रही है। बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झडी मिलने से विधिवेत्ताओं में खुशी है। उनका मानना है कि इस विधि विश्वविद्यालय से अच्छे न्यायविद मिलेंगे। विधि की उच्चस्तरीय पढ़ाई के लिए छात्र छात्राओं को अब दिल्ली, भोपाल, हैदराबाद जैसे शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। जिले में हो जाएंगे चार सरकारी विश्वविद्यालय
इस विश्वविद्यालय के बन जाने से अब जिले में चार सरकारी विश्वविद्यालय हो जाएंगे। शहर में पहले ही इलाहाबाद विश्वद्यिालय, राज्य विश्वविद्यालय, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय हैं। इसके अलावा शुआट्स और नेहरू ग्राम भारती दो मानद विश्वविद्यालय हैं। तकनीकी शिक्षा के मामले में ट्रिपलआइटी, एमएनएनआइटी और मेडिकल कालेज जैसे राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान हैं। विधि छात्रों को मिलेगी सहूलियत
विद्यार्थियों का रुझान विधि की शिक्षा की ओर बढ़ा है। नया विश्वविद्यालय खुलने से उन्हें सहूलियत मिलेगी। यदि स्तरीय पठन-पाठन हुआ तो निश्चित रूप से विधि के क्षेत्र में नए मानक स्थापित हो सकेंगे।
- न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय सरकार का सकारात्मक कदम
सरकार का सकारात्मक कदम है। नए विश्वविद्यालय में पठन पाठन शुरू होने पर पूर्वाचल के विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा। विधि के क्षेत्र में नई यात्रा शुरू होगी। विद्यार्थियों को हाईकोर्ट के जज, कुशल अधिवक्ताओं के लेक्चर भी आसानी से मिल सकेंगे।
- प्रो. आरके चौबे, डीन विधि विभाग, इविवि मिलेगा उच्च स्तरीय तकनीकी ज्ञान
नेशनल लॉ यूनिवíसटी से विद्यार्थियों को विधि के क्षेत्र में उच्च स्तरीय तकनीकी ज्ञान मिलेगा। इससे अच्छे विधि विशेषज्ञ भी जरूर निकलेंगे। विधि की पढ़ाई के लिए किसी को बाहर नहीं भागना पड़ेगा।
- जानकी शरण पांडेय, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल हाईकोर्ट शहर में होने का मिलेगा लाभ
नए विश्वविद्यालय की स्थापना से विधि के क्षेत्र में शोध, नए पाठ्यक्रम तो मिलेंगे ही। शहर में हाईकोर्ट जैसी संस्था होने का लाभ भी विद्यार्थियों को मिलेगा। यह शहर धर्म, शिक्षा, न्याय के क्षेत्र में प्रमुख रहा ही है अब विधि की शिक्षा के लिए भी खास होगा।
- अमरेंद्र नाथ सिंह, अध्यक्ष, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन