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अनूठी पहल : स्वयं के बनाए कृत्रिम तालाब में ही विसर्जित करेंगे गणेश प्रतिमा Prayagraj News

शहर में गणेश उत्‍सव शुरू करने वाले महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल के पदाधिकारियों ने अनूठी पहल की है। मंडल की ओर से खुद कृत्रिम तालाब बनवाया जाएगा जिसमें प्रतिमा विसर्जित की जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 09:07 AM (IST)
अनूठी पहल : स्वयं के बनाए कृत्रिम तालाब में ही विसर्जित करेंगे गणेश प्रतिमा Prayagraj News
अनूठी पहल : स्वयं के बनाए कृत्रिम तालाब में ही विसर्जित करेंगे गणेश प्रतिमा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल, पूजा पंडाल स्थल पर ही कृत्रिम तालाब बनाने की पहल कर रहा है। प्रतिमा 12 सितंबर को विसर्जित की जाएगी। इसके पीछे प्रमुख कारण गंगा स्वच्छता अभियान में योगदान देना है तो प्रशासनिक बदइंतजामी के प्रति नाराजगी भी है। कृत्रिम तालाब 10 फिट के चौकोर आकार में और करीब आठ फिर गहरा बनाने की तैयारी है।

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जिला प्रशासन कृत्रिम तालाब की व्यवस्था कराता है

गणेशोत्सव मनाने के लिए लोगों में बेहद उत्साह रहता है। विदाई की बेला पर भक्तजन गणपति बप्पा मोरया की गूंज करते हुए प्रतिमाएं लेकर गंगा नदी के किनारे पहुंचते हैं। नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन से प्रदूषण न फैले और पानी में कचरा न समाए इसके लिए घाट से कुछ दूर पहले कृत्रिम तालाब की व्यवस्था हर साल रहती है। यह तालाब जिला प्रशासन की निगरानी में गंगा स्वच्छता से संबंधित विभाग बनाता है।

यहां गणेशोत्सव को शुरू करने वाले महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल की पहल

वहीं महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल अलोपीबाग ने इस बार अलग सोचा है। तैयारी है कि अलोपीबाग में पूजा पंडाल स्थल पर 10 फिट चौड़ा और आठ फिट गहरा गड्ढा बनाकर उसमें पानी भरकर प्रतिमा विसर्जित की जाएगी। पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि प्रयागराज में गणेशोत्सव मनाने की शुरुआत भी करीब 63 साल पहले महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल ने की थी। अब यही संगठन स्वयं के बनाए कृत्रिम तालाब में प्रतिमा विसर्जन की परंपरा की नींव डालने जा रहा है।

बोले महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल के सचिव

महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल के सचिव सतीश पुराणिक का कहना है कि नमामि गंगे के अभियान से हमारा गहरा वास्ता है। इसी के तहत गणेश प्रतिमा का विसर्जन भी स्वयं के बनाए कृत्रिम तालाब में करने जा रहे हैं। कहा कि गंगा किनारे जो कृत्रिम तालाब बनाए जाते हैं वहां फिसलन से बचाने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं रहती। रात में प्रतिमा विसर्जन के समय दुर्घटना होने का खतरा रहता है।


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