Tribute to Lalji Tandon : प्रयागराज में त्रिवेणी पुष्प, सरस्वती घाट का वर्तमान स्वरूप लालजी टंडन की ही देन है
पशिचम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह गौर ने लालजी टंडन के साथ बिताए लम्हों को साझा किया। उनके व्यक्तित्व पर चर्चा की।
प्रयागराज, जेएनएन। मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे स्वर्गीय लालजी टण्डन का संगम नगरी से गहरा नाता रहा है। नगर विकास मंत्री रहने के दौरान कई बार प्रयागराज आए। उन्होंने तीर्थराज प्रयाग को त्रिवेणी पुष्प की सौगात देने के साथ ही सरस्वती घाट के आधुनिक स्वरूप दिलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उस समय वह उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री थे।
पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने ताजा की यादें
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी ने अपनी यादों को ताजा करते हुए बताया कि लालजी टंडन लखनऊ बीजेपी के भीष्म पितामह थे। आज लखनऊ का जो भी स्वरूप दिख रहा है उसमें उन्ही का योगदान है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की निधि का प्रयोग वही क्षेत्र के विकास में करते थे। उस समय वह तत्कालीन नगर विकास मंत्री थे।
बोले, सांसद और विधायक की भूमिका में भी बहुत प्रभावी रहते थे
पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ ने कहा कि लालजी टंडन वह संगठन की दृष्टि से कुशल कार्यकर्ता थे। सांसद और विधायक की भूमिका में भी बहुत प्रभावी रहते थे। संगठन में मैं और टंडन जी प्रदेश कार्य समिति के सदस्य के रूप में साथ कार्य कर चुका हूं। उनके सुझाव बहुत कारगर होते थे। वे स्पष्टवादी थे। कभी किसी विषय को लेकर ढुलमुल रवैया नहीं अपनाते थे। कहा कि मैं जब भी उनके आवास पर या कार्यालय में मिलने जाता था तो मेरे लिए नरही की मलाई और चाट जरूर मंगवाते थे। उन्हें लोगों के आतिथ्य का शौक था।
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मेरा और टंडन जी का साथ करीब चार दशक का रहा है
केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि टंडन जी राजनीतिक विषयों पर खुल कर बोलते थे। बताया कि आखिरी बार प्रयागराज में मेरे जन्मदिन पर 2018 में आए थे। उन्हें जब भी जन्मदिन के अवसर पर आमंत्रित किया जाता था तो वे बोलते कि पंडित जी का जन्मदिन है, कैसे नहीं आऊंगा। पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि मेरा और टंडन जी का साथ करीब चार दशक का रहा है। उन्होंने मुझे बहुत स्नेह दिया।
शहर उत्तरी के विकास के लिए दिया था बजट : पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह गौर
प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर नरेंद्र सिंह गौर ने भी अपनी यादों का पिटारा खोला। कहा बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व था टंडन जी का। हम उन्हें बाबू जी कहते थे। वह हमेशा कार्यकर्ता और जनता के हित में सोचते थे। यमुना के किनारे सरस्वती घाट से लेकर मनकामेश्वर मंदिर तक जो भी विकास हुआ है उसकी पृष्ठभूमि उन्होंने ही तैयार की थी। उस समय टंडन जी प्रदेश के नगर विकास मंत्री थे। डाॅक्टर गौर ने कहा कि मेरे मंत्री रहने के दौरान उन्होंने शहर उत्तरी के विकाश के लिए 40 लाख का बजट दिया था। कुंभ में आकर उन्होंने गंगा पूजन भी किया था। एक बार शहर के पत्रकारों ने अपने आवास की समस्या उठाई थी तो मैने सभी को लखनऊ बुलवा कर उनसे मिलवाया फिर पत्रकार कालोनी का स्वरूप तैयार हुआ।