कौशांबी में पटाखे की फैक्ट्री में विस्फोट से लगी आग, मरने वालों की संख्या हुई तीन, दो गंभीर Prayagraj News
विस्फोट इतना तेज था कि पटाखा फैक्ट्री के बगल स्थित ईशा के घर के दरवाजे का शीशा टूट गया। हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोसी जनपद कौशांबी के भरवारी में पटाखे की फैक्ट्री में सोमवार की सुबह विस्फोट हो गया। इससे लगी आग में पटाखा बना रही स्वर्गीय रामलाल की 20 वर्षीय पुत्री गीता की मौके पर ही मौत हो गई
जबकि चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए। वहीं प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती राजकुमार की 16 वर्षीय पुत्री पुष्पा और रामकुमार की 31 वर्षीय पत्नी राधिका की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुष्पा और राधिका एक ही परिवार की हैं। इस प्रकार विस्फोट और आग से कुल तीन लोगों की मौत हो गई है।
पुष्पा और राधिका एसआरएन अस्पताल में भर्ती थी
हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से किसी प्रकार पांचों को बाहर निकाला था। एक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से जख्मी चार लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से बाद में गंभीर अवस्था होने पर प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एसडीएम चायल ज्योति मौर्या व सीओ सिराथू रामवीर सिंह भी पहुंच गए। उधर दमकल की एक गाड़ी आग को बुझाने करीब एक घंटे बाद पहुंची।
भरवारी पुलिस चौकी के निकट ही बनता था पटाखा
भरवारी के वार्ड नंबर दो निवासी हैदर अली पटाखे वाले के यहां पटाका बनता है। उसकी पटाखे की फैक्ट्री भरवारी पुलिस चौकी के निकट है। फैक्ट्री में सोमवार की सुबह कुछ लोग पटाखा बना रहे थे। इसी दौरान अचानक वहां विस्फोट हो गया। इससे आग लग गई। आग की लपटों में पटाखा बना रही स्वर्गीय राम लाल की 20 वर्षीय अविवाहित पुत्री गीता के साथ ही अन्य चार लोग फंस गए। विस्फोट और आग के गुबार के साथ धुआं देख वहां मोहल्ले के लोग जुट गए। पानी आदि से आग पर बुझाने का प्रयास करते हुए लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पहुंचे, कर रहे पड़ताल
सूचना पर कई थानों की फोर्स पहुंची और ग्रामीणों की मदद से आग की लपटों में अंदर फंसे लोगों को किसी प्रकार बाहर निकाला। तब तक गीता की मौत हो चुकी थी। वहीं राधिका सरोज पत्नी रामकुमार व पुष्पा पुत्री राजकुमार सरोज, पड़ोसी ईशा की पत्नी अलबीना व पुत्र नाजिम भी गंभीर रूप से झुलस गए थे। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। तब तक जानकारी मिलने पर वहां एसडीएम चायल ज्योति मौर्या व सीओ सिराथू रामवीर सिंह भी कई थानों की फोर्स के साथ पहुंच गए। लोगों से पूछताछ के बाद तहकीकात की जा रही है। वहीं झुलसी राधिका के दो बच्चों में एक ढाई वर्ष व एक छह माह का है।
सूचना के एक घंटे बाद पहुंची दमकल की गाड़ी
सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद वहां दमकल की गाड़ी पहुंची। फिर फायर कर्मी आग बुझाने में जुट गए। हालांकि तब तक स्थानीय लोगों ने काफी हद तक आग पर काबू पा लिया था।
विस्फोट में पड़ोस के घर के टूटे शीशे
विस्फोट इतना तेज था कि पटाखा फैक्ट्री के बगल स्थित ईशा के घर के दरवाजे का शीशा टूट गया तथा चपेट में आकर ईशा की पत्नी अलबीना व पुत्र नाजिम उम्र लगभग भी जख्मी हो गए।
पटाखा बनाने का नहीं था लाइसेंस
बताते हैं कि हैदर अली के पास पटाका बनाने का लाइसेंस नहीं था। केवल पटाका बनाने का सामान रखने का लाइसेंस ही था। उसके यहां अवैध रूप से कई वर्षों से पटाखा बन रहा था। पुलिस चौकी से लगभग 100 मीटर की दूरी पर पटाखा बनाया जा रहा था लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई, जांच का विषय है। और तो और बस्ती के बाहर लगभग 500 मीटर दूर पर पटाका गोदाम बनाने का लाइसेंस था।
दुकान में विस्फोटक सामग्री रखने का आरोप
इसके पूर्व 1993 में हैदर के बड़े भाई शौकत अली व उसकी 10 वर्षीय पुत्री पटाखा बनाते समय जल कर मर गई थी। बताते हैं कि घटनास्थल पर कई बोरी विस्फोटक सामग्री मौजूद थी। अभी भी एक शटर में ताला बंद है। पटाखा बनाने वालों के स्वजनों की मानें तो इस शटर के अंदर भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री रखी है। पुलिस ने इसे सील कर दिया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।