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कौशांबी में पौधारोपण पर 19 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी नहीं आई हरियाली

लक्ष्य के सापेक्ष पौधे तो लगाए गए लेकिन कई स्थानों में सूखे पौधे लगाकर जिम्मेदारों ने अपना कोरम पूरा कर लिया। देखरेख और सिंचाई के अभाव में ज्‍यादातर पौधे सूख गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 06:19 PM (IST)
कौशांबी में पौधारोपण पर 19 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी नहीं आई हरियाली
कौशांबी में पौधारोपण पर 19 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी नहीं आई हरियाली

कौशांबी,जेएनएन।  पर्यावरण के संरक्षण के लिए सरकार पौधारोपण पर जोर दे रही है। पिछले तीन वर्ष में सरकारी विभागों द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों में 39 लाख पौधे लगाए गए हैं। इसमें करोड़ों रुपये खर्च भी हुए देखरेख व सिंचाई के अभाव में रोपित किए गए पौधे में से 60 फीसद पौधे सूख गए हैं। इसकी वजह से जिले में हरियाली नहीं कायम हो रही है।

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  पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए वन विभाग समेत अन्य विभागों द्वारा पौधे लगाने के लिए हर वर्ष विशेष अभियान चलाया जाता है। सरकारी आंकड़ों की मुताबिक पिछले तीन वर्ष में वन विभाग समेत 14 विभागाध्यक्षों ने जनपद में 39 लाख पौधे लगाए। जनपद वासियों की माने तो विभागाध्यक्षों ने पौधरोपण में भारी खेल किया है। वर्ष 2019-20 में एक दिन में 18 लाख पौधों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

पौधा लगाने पर सिर्फ कोरम किया गया पूरा

लक्ष्य के सापेक्ष पौधे तो लगाए गए, लेकिन कई स्थानों में सूखे पौधे लगाकर जिम्मेदारों ने अपना कोरम पूरा कर लिया। पौधरोपण के नाम पर पिछले तीन वर्ष में लगभग 19 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। इसके बाद भी जिले में हरियाली नहीं दिख रही है। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा पूरबशरीरा में वर्ष 2017-18 में वन विभाग द्वारा पांच हेक्टेयर भूमि पर 3125 पौधे लगाए गए थे। यहां पर सिर्फ दो चार पौधे ही बचे हैं। नगर पंचायत करारी के ङ्क्षकग नगर में पिछले वर्ष नगर पंचायत प्रशासन द्वारा दो हजार पौधारोपण कराया गया था। अधिकतर पौधे सूख गए। यही हाल जिले के अन्य स्थानों में लगाए गए पौधों का है।

शिकायत के बाद भी नहीं हुआ सुधार

पौधरोपण में विभागाध्यक्षों द्वारा की गई गड़बड़ी की शिकायत लोगों ने जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से की थी। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ। सिराथू क्षेत्र के कैमा गांव निवासी शिवलोचन व वीरभान ने बताया कि वह पूर्व में डीएम से शिकायत किया था कि ग्राम सभा की भूमि पर 8200 पौधे वन विभाग की ओर से लगाए गए थे। पानी के अभाव में आधे से अधिक पौधे सूख गए हैं। मूरतगंज क्षेत्र के बेरुआ गांव निवासी दीपक ने बताया कि वर्ष 2017 में ग्राम सभा की भूमि पर 4200 पौधे लगाए गए। अधिकतर पौधे सूख गए हैं। लेकिन जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

डीएम बोले, होगी जांच

कौशांबी के डीएम मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि पौधारोपड़ कर हरियाली कायम करना सरकार की प्राथमिकता है। यदि पौधरोपण के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी की है और रोपित किए गए पौधों में 60 फीसद पौधे गायब है तो मामला गंभीर है। पिछले तीन वर्ष में किए गए पौधारोपण की जांच होगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी की जाएगी।


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