एमडी नेत्र अस्पताल में डॉक्टरों का रोड़ा
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मनोहर दास नेत्र अस्पताल में सुबह मरीजों की भारी भीड़ देखकर
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद :
मनोहर दास नेत्र अस्पताल में सुबह मरीजों की भारी भीड़ देखकर यहां डॉक्टरों की कमी का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही कारण है कि यहां मरीजों को डॉक्टर तक पहुंचने में घंटों का समय बीत जाता है। मरीजों को नियंत्रित करने में यहां के कर्मचारियों को पसीना छूट जाता है।
'दैनिक जागरण' अपने अभियान 'पड़ताल : सरकारी अस्पताल' के क्रम में गुरुवार को मनोहर दास नेत्र अस्पताल की तहकीकात की तो मरीजों की परेशानी सामने आयी। यहां इलाहाबाद के अलावा आस-पास के जनपदों के मरीज भी अपनी आंखों का इलाज कराने आते हैं। आंखों की जांच करने के लिए सिर्फ तीन नेत्र परीक्षण अधिकारी यहां कार्यरत हैं, इसलिए यहां मरीजों की लंबी कतार लगी रही। मरीज अपने नंबर का इंतजार कर रहे थे। यहां उनके बैठने का इंतजाम तक नहीं है। अपने परिजन का इलाज कराने आए हंडिया निवासी राजेश कुमार ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से यहां लाइन में खड़े हैं लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं आया। मरीजों का आरोप है कि आपरेशन के बाद जो ब्लैक चश्मा फ्री में दिया जाता है उसे वार्डब्वाय रुपये लेकर देते हैं। अस्पताल में स्थिति स्पेशल क्लीनिक में कोई भी मौजूद नहीं था। दृष्टि वार्ड कक्ष में मरीजों की भीड़ अधिक रही। यदि यहां डॉक्टरों व कर्मचारियों की संख्या बढ़ायी जाय तो मरीजों को थोड़ी राहत मिल सके। यहां दो पैथालॉजिस्ट हैं जिनके भरोसे पूरी जांच की जाती है। यहां प्रतिदिन करीब 1500 से दो हजार मरीज पहुंचते हैं।
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खाली पड़ा है आई बैंक
मनोहर दास नेत्र अस्पताल में आई बैंक स्थित है। इसका नाम भले ही आई बैंक हो लेकिन हमेशा खाली पड़ रहता है। यह स्थिति इसलिए है कि क्योंकि लोग नेत्रदान के प्रति जागरूक नहीं है। सैकड़ों मरीज यहां अपनी आंख का प्रत्यारोपण कराने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
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'यहां स्टॉफ की कमी है। कुल 24 डॉक्टर हैं। ऑपरेशन के बाद काला चश्मा तो फ्री में दिया जाता है लेकिन यदि पैसा लिए जाने की शिकायत तो इसकी शिकायत हम लोगों से की जानी चाहिए।'
श्रीश सिंह, अधीक्षक, एमडी नेत्र अस्पताल