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कुंभ मेला में पेशवाई और शाही स्नान को लेकर हाथी-घोड़ों पर बनी सहमति

कुंभ मेले में पेशवाई और शाही स्नान के दौरान हाथी, घोड़े के प्रवेश को लेकर मेला प्रशासन व संतों के बीच सहमति बन गई है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 06:33 PM (IST)
कुंभ मेला में पेशवाई और शाही स्नान को लेकर हाथी-घोड़ों पर बनी सहमति
कुंभ मेला में पेशवाई और शाही स्नान को लेकर हाथी-घोड़ों पर बनी सहमति

जेएनएन, प्रयागराज। कुंभ मेले में पेशवाई और शाही स्नान के दौरान हाथी, घोड़े के प्रवेश को लेकर मेला प्रशासन व संतों के बीच सहमति बन गई है। शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने परंपरा का पालन करने की बात कही तो अखाड़े राजी हो गए। तय हुआ पेशवाई के दौरान हाथी, घोड़े पांटून पुल के ऊपर नहीं चलेंगे। सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है।  उधर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि परंपरा के अनुसार पेशवाई में हाथी, घोड़े शामिल होंगे। पुलिस अफसरों ने परंपरा का निवर्हन कराने की बात कही है। 

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मेला क्षेत्र का विस्तार होने के कारण इस बार अखाड़ों को गंगा  के उस पार बसाया गया है। शुक्रवार को मेला प्रशासन और अखाड़ों की बैठक कुंभ पुलिस दफ्तर में हो रही थी। पुलिस अधिकारियों ने नियम का हवाला  देते हुए पेशवाई में हाथी, घोड़े नहीं लाने की बात कही। इस पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत अन्य संत नाराज हो गए। परंपरा और निर्देश को लेकर टकराव हुआ तो कुछ संत बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। संतों का रुख देख अधिकारी बैकफुट पर आ गए और फिर उन्हें मनाया। शनिवार को भी पुलिस अधिकारी इस मसले पर मंथन करते रहे और फिर परंपरा का निर्वहन करने की बात कही। अखाड़े के पदाधिकारी भी परेड में त्रिवेणी मार्ग तक ही हाथी और घोड़े ले जाने पर राजी हो गए। यही व्यवस्था 2001 के कुंभ मे भी थी। 

1954 में हाथी भड़कने से हुई थी भगदड़ 

1954 के कुंभ मेले में हाथी भड़क गया था, जिससे भगदड़ हुई थी। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई जख्मी हुए थे। उस हादसे के बाद से मेले में हाथियों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है।  डीआइजी कुंभ मेला केपी सिंह के मुताबिक पांटून पुल पर हाथी, घोड़े नहीं चलेंगे। अखाड़ों की परंपरा का पालन किया जाएगा। पेशवाई मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। 

प्रयागराज-अयोध्या के बीच चार कुंभ स्पेशल 

श्रद्धालुओं को तीर्थराज प्रयाग तक ले जाने व उन्हें वापस गंतव्य को पहुंचाने के लिए रेलवे बोर्ड ने विभिन्न स्थानों से 800 कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इसी क्रम में प्रयागराज-फैजाबाद रूट पर चार विशेष रेलगाडिय़ां चलाने की तैयारी है। इन ट्रेनों के रैक जिले में आ चुके हैं। जिन्हें स्थानीय वाङ्क्षशग लाइन यार्ड में रोका गया है। रेलवे प्रबंधन अभी से कुंभ दर्शनार्थियों की सुविधा में जुट गया है। मकर संक्रांति से शुरू हो रहे अर्धकुंभ  को लेकर उत्तर रेलवे की ओर से विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। सुलतानपुर स्टेशन अधीक्षक लखनलाल मीना ने बताया कि  प्रयागराज-अयोध्या रेलखंड पर चलने वाली चार कुंभ स्पेशल गाडिय़ों के रैक आ चुके हैं। इनमें नौ-नौ बोगियों के दो रैक, 12 कोच व 18 कोच का एक-एक रैक शामिल है। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों का प्राइमरी टर्मिनल फिटनेस सुलतानपुर वाङ्क्षशग लाइन में किए जाने के निर्देश हैं। अभी विशेष ट्रेनों की समय सारिणी जारी नहीं की गई है। मंडल कार्यालय के निर्देशानुसार गाडिय़ों का परिचालन किया जाएगा।

24 से चालू होगा चार नंबर प्लेटफार्म

स्थानीय जंक्शन के पश्चिमी छोर पर चार नंबर प्लेटफार्म बनकर तैयार हो गया है। प्रकाश व्यवस्था का काम अंतिम चरण में है। लखनऊ मंडल कार्यालय ने 24 दिसंबर से नए प्लेटफार्म का संचालन करने के निर्देश स्टेशन प्रशासन को दिए हैं। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि सोमवार को सुबह चार नंबर प्लेटफार्म से सुलतानपुर-वाराणसी पैसेंजर व सुलतानपुर-लखनऊ मेमू ट्रेनें गंतव्य को रवाना की जाएंगी। इसके अलावा एक व दो नंबर प्लेटफार्म पर लिफ्ट सेवा का भी शुभारंभ इसके साथ ही किया जाएगा। स्वचालित सीढिय़ों को भी शीघ्र ही यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।


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