अतिरिक्त वेतन तो दूर मानदेय से भी गए कुंभ मेला कर्मचारी
कुंभ मेला कर्मचारियों और अधिकारियों को अतिरिक्त वेतन मिलने की बात तो दूर मानदेय भी नहीं मिला। मेला समापन समारोह में सीएम योगी ने अतिरिक्त वेतन देने की बात कही थी।
प्रयागराज : जिन अफसरों और कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत कर कुंभ मेला को दिव्य और भव्य रूप दिया, वे अब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मेला की सफलता से गदगद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार मार्च को कुंभ के समापन समारोह में राज्यपाल राम नाइक की मौजदूगी में मेले से जुड़े विभागों के अफसरों व कर्मचारियों को एक माह का वेतन अतिरिक्त देने की घोषणा की थी।
मेला प्रशासन ने 114 अफसर, कर्मचारियों की सूची बनाकर शासन को भेज दिया लेकिन वित्त वर्ष खत्म होने के बावजूद अतिरिक्त वेतन नहीं मिला। अतिरिक्त वेतन के चक्कर में हर बार मेला के बाद मिलने वाले मानदेय से भी कर्मचारी हाथ धो बैठे, क्योंकि अतिरिक्त वेतन की घोषणा के कारण मेला प्रशासन ने मानदेय की सूची भेजी ही नहीं।
कुंभ समाप्ति पर कई विभागों के अफसर व कर्मचारी हो चुके सम्मानित
14 जनवरी से प्रारंभ होकर चार मार्च तक इस बार चले कुंभ मेले में अफसरों और कर्मचारियों की मेहनत के कारण दुनिया में कुंभ की अलग पहचान बनी। रिकार्डों से सजे इस मेले का समापन चार मार्च को परेड मैदान में समारोह आयोजित करके किया गया, जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री शामिल हुए थे। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने कुंभ के सफल आयोजन के लिए मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पीडब्ल्यूडी, प्रयागराज विकास प्राधिकरण, बिजली विभाग, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों के अफसर और कर्मचारियों को सम्मानित किया।
सीएम ने एक माह का वेतन अतिरिक्त देने को कहा था
इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि मेला के सफल आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अफसरों और कर्मचारियों को एक माह का वेतन अतिरिक्त दिया जाएगा। इसके लिए मेला प्रशासन ने सूची तैयार कर फाइल 20 मार्च के बाद शासन को भेजी, ताकि वित्तीय वर्ष में ही इसे स्वीकृति मिल सके लेकिन शासन से अब तक इसे स्वीकृति नहीं मिल सकी। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि मेला प्रशासन ने एक माह के अतिरिक्त वेतन के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। यह अभी स्वीकृति की प्रक्रिया में है।
हमेशा से रही मानदेय की व्यवस्था
कुंभ, अर्धकुंभ मेला हो या फिर हर वर्ष आयोजित होने वाला माघ मेला। इसमें कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अफसरों और कर्मचारियों को मानदेय देने की व्यवस्था रही है। उन्हें मानदेय के रूप में एक माह का मूल वेतन अदा किया जाता रहा है। यह रकम उसी वित्तीय वर्ष में अदा की जाती है लेकिन इस बार कुंभ में जब सीएम ने अतिरिक्त वेतन की घोषणा की तो मेला प्रशासन ने मानदेय की सूची नगर विकास विभाग को नहीं भेजी। इससे कर्मचारियों में निराशा है।