Kumbh mela 2019 : जंक्शन पर यात्री आश्रय फुल, सड़क पर बैठे रहे श्रद्धालु
कुंभ मेला 2019 के मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। इलाहाबाद जंक्शन पर यात्री आश्रय फुल हो गया तो सड़क पर ही लोग बैठ गए।
प्रयागराज : मौनी अमावस्या पर दोपहर में 12 से लेकर शाम चार बजे तक और शाम को छह से लेकर रात 10 बजे तक रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ रही। मेला क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जंक्शन की तरफ आने लगे तो भीड़ प्रबंधन के लिए प्लान बी का प्रयोग किया गया। यात्री आश्रय फुल होने पर श्रद्धालुओं को जानसेनगंज चौराहे पर रोक दिया गया जिससे वहां से स्टेशन तक सड़क पर श्रद्धालुओं का जमघट लग गया। श्रद्धालुओं को सिविल लाइंस से पानी की टंकी होते हुए सिटी साइड से प्रवेश दिया गया। दो बार ऐसा करना पड़ा।
सोमवार को दोपहर में इलाहाबाद जंक्शन पर बने यात्री आश्रय फुल हो गए तो उसके गेट बंद कर दिए गए। भीड़ का दबाव कम करने के लिए जानसेनगंज चौराहे से जंक्शन की तरफ जाने वाली सड़क (लीडर रोड) को भी बंद कर दिया गया। जो श्रद्धालु चौराहे तक पहुंच गए थे, उन्हें चौक होकर कोतवाली से खुल्दाबाद से होते हुए जंक्शन की तरफ भेजा गया। इधर सिविल लाइंस से होकर पत्थर गिरजा घर, पानी की टंकी होते हुए श्रद्धालु जंक्शन के सिटी साइड की ओर पहुंचे। श्रद्धालुओं को घुमाने के कारण जंक्शन पर दबाव कम हुआ व जल्दी से मेला स्पेशल का संचालन कर श्रद्धालुओं को निकाला गया। उसके बाद सिटी साइड की तरफ सड़क पर बैठे श्रद्धालुओं को यात्री आश्रय पर जाने दिया गया। फिर स्पेशल ट्रेनों से गंतव्य को रवाना किया गया। इस व्यवस्था के चलते लोगों को अधिक पैदल चलना पड़ा।
पत्थर गिरजाघर से चलीं बसें
स्नान करके लौट रहे श्रद्धालुओं को जल्दी से शहर से बाहर निकालने के लिए सिविल लाइंस में पत्थर गिरजा घर के पास से रोडवेज की बसों को चलाया गया। इसके कारण कानपुर की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली। श्रद्धालुओं ने इलाहाबाद जंक्शन न जाकर वहीं से बस पकड़ ली। श्रद्धालुओं को नेहरू पार्क तक छोडऩे के लिए शटल बसें चल ही रहीं थीं। इसके अलावा सिविल लाइंस बस अड्डे पर कानपुर की ओर से आने वाली बसें आ-जा रही थीं। इससे भी श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हुई।
गलत दिशा में भेज दी भीड़, रेलवे-रोडवेज हांफा
सोमवार सुबह 11 बजे मेला क्षेत्र में भीड़ अधिक बढऩे पर श्रद्धालुओं को वहां से तेजी से निकाला गया। वाराणसी, आजमगढ़, मानिकपुर की ओर जाने वाले श्रद्धालु प्रयाग जंक्शन की तरफ मोड़ दिए गए जिससे प्रयाग स्टेशन पर दबाव बढ़ गया। ऐसे में रेलवे के लिए परेशानी बढ़ गई। आनन-फानन में ताराचंद्र हॉस्टल के पास से रोडवेज बसों का संचालन किया गया व वाराणसी की तरफ जाने वालों को इलाहाबाद सिटी स्टेशन की तरफ भेजा गया तब जाकर स्थिति संभली।
डीआरएम ने जताई नाराजगी :
प्रयाग जंक्शन पर भीड़ अधिक होने की सूचना पर जिलाधिकारी सुहास एलवाइ और एडीआरएम इलाहाबाद अनिल कुमार द्विवेदी प्रयाग जंक्शन पर गए। उन्होंने उत्तर रेलवे के डीआरएम सतीश कुमार से बात की तो उन्होंने अधिक भीड़ को प्रयाग जंक्शन की तरफ मोड़ देने पर आपत्ति दर्ज की।
बस न मिलने पर लगाया जाम, हंगामा
बस नहीं मिलने से नाराज श्रद्धालुओं ने शाम लोकसेवा आयोग चौराहे पर जाम लगा दिया। गुस्साए स्नानार्थियों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा भी किया। कुछ चालक शटल बस लेकर वहां से चले गए। इससे लोग और नाराज होकर सड़क पर ही बैठ गए। कुछ देर बाद बसें आईं तो लोगों का गुस्सा शांत हुआ। फैजाबाद, लखनऊ और प्रतापगढ़ की ओर जाने वाले तमाम श्रद्धालु संगम में स्नान करने के बाद पैदल ही सिविल लाइंस बस स्टैंड पर पहुंचे। वहां पर उन्हें बताया गया कि बस लोक सेवा आयोग चौराहे के पास मिलेगी। वहां पहुंचने के काफी देर बाद भी जब कोई बस नहीं आई तो वे भड़क उठे। सूचना पर रोडवेज के अधिकारियों ने तत्काल बसों को भेजा और श्रद्धालुओं को गतव्य की ओर भेजा।
बंद रहे शहर के बाजार, सन्नाटा
मौनी अमावस्या पर शहर में आने वाली भारी भीड़ के मद्देनजर स्कूल-कालेज और सरकारी विभागों के कार्यालय के अलावा बाजार भी बंद रहे। कुछ दुकानें खुलीं भी तो खरीदार ही नहीं रहे। इससे बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि, मुख्य मार्गों पर श्रद्धालुओं का भारी रेला रहा। कुछ दुकानों और मॉल के बाहर बाकायदा बंदी का बोर्ड लगा हुआ था। रविवार को ज्यादातर बाजारों में साप्ताहिक बंदी रहती है।
बैंकों में भी रहा सन्नाटा
बैंक जरूर खुले रहे, लेकिन जगह-जगह ट्रैफिक डायवर्जन के कारण ज्यादातर बैंकों में अधिकतर कर्मचारी नहीं पहुंचे। लिहाजा, चार-छह कर्मचारियों के भरोसे ही बैंक चला। ट्रैफिक दिक्कतों के कारण ग्राहक भी बैंकों में नहीं जुटे, जिससे वहां लगभग सन्नाटा रहा।
श्रद्धालुओं के स्वागत में शहरियों ने खोले दिल के द्वार
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं को संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए भले ही कोसों चलना पड़ा हो लेकिन शहरवासियों ने उनके स्वागत में दिल के द्वार खोल दिए। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पानी, चाय-नाश्ता व भंडारा आयोजित किया गया। बड़ी विनम्रता और आग्रह के साथ रोककर प्रसाद वितरित किया गया। इस काम में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। श्रद्धालुओं ने शहरियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए छककर प्रसाद ग्रहण किया। स्नानार्थी शहरियोंं की सेवाभाव से आह्लादित होकर उन्हें धन्यवाद देते हुए अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।