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Kisan Andolan: भाकियू के तीन दिवसीय चिंतन शिविर का समापन, 15 मार्च को मेरठ में किसान आंदोलन का शंखनाद

समापन अवसर पर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान स्वामीनाथन कमेटी के आधार पर फसलों के समर्थन मूल्य घोषित करने आवारा पशुओं से निजात दिलाने कृषि यंत्रों और मुर्गी दाना को जीएसटी से बाहर करने आदि सहित नौ प्रस्ताव पास हुए।

By Sharad DwivediEdited By: Shivam YadavPublished: Sun, 29 Jan 2023 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 10:43 PM (IST)
Kisan Andolan: भाकियू के तीन दिवसीय चिंतन शिविर का समापन, 15 मार्च को मेरठ में किसान आंदोलन का शंखनाद
किसानों की सहमति पर पास हुए प्रस्ताव को जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा गया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। माघ मेले में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के तीन दिवसीय किसान चिंतन शिविर का रविवार को समापन हो गया है। समापन अवसर पर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान, स्वामीनाथन कमेटी के आधार पर फसलों के समर्थन मूल्य घोषित करने, आवारा पशुओं से निजात दिलाने, कृषि यंत्रों और मुर्गी दाना को जीएसटी से बाहर करने आदि सहित नौ प्रस्ताव पास हुए। किसानों की सहमति पर पास हुए प्रस्ताव को जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा गया है। साथ ही यह भी तय किया गया कि 15 मार्च को मेरठ में किसान आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।

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माघ मेला में परेड मैदान पर किसान पंचायत 27 जनवरी को शुरू हुई थी। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहार ने कहा कि प्रदेश सरकार गन्ने का मूल्य अविलंब घोषित करें, अन्यथा जल्द ही बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को उनका हक दिलाने के लिए 15 मार्च को मेरठ में किसान पंचायत होगी। इसके बाद दिल्ली में किसान महापंचायत होगी। 

भामाशाह कोष का गठन किया जाए

उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान कई वादे किए थे, लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया गया है। फल सब्जियों के मूल्य में स्थिरता के लिए भामाशाह कोष का गठन किया जाए। किसानों को निशुल्क बिजली दी जाए। गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर भुगतान किया जाए। फल सब्जियों सहित प्रत्येक फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए। 

आगामी बजट में किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाए। कृषि में उपयोग होने वाले यंत्रों, खरपतवार नाशक कीटनाशक, खाद, बीज, मुर्गी दाना आदि वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त किया जाए। लंबे समय से मौसम की मार झेल रहे बुंदेलखंड और विदर्भ में किसानों का कर्ज माफ किया जाए। किसान क्रेडिट कार्ड की अवधि पर ही पूरा पैसा जमा कराया जाए। 

कृषि निर्यात को प्रोत्साहन के लिए एक जनपद एक उत्पाद के तर्ज पर कृषि निर्यात प्रोत्साहन केंद्र खोले जाएं। आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए वृहद कार्य योजना तैयार की जाए। राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि इन मांगों के लिए आंदोलन किया जाएगा। 

इस मौके पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, महासचिव अनिल तालाब, उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह रंधावा, सचिव उम्मेद सिंह, राजवीर सिंह, प्रदेश के अध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा, युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह आदि थे।


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