सभी को आशीष देकर कुंभ मेला से विदा हुआ किन्नर अखाड़ा
किन्नर अखाड़ा ने कुंभ मेला से विदाई ले ली है। शहर के मार्गों पर निकली आभार यात्रा निकाली गई। इसमें शामिल साधु-महात्माओं का शहरवासियों ने पुष्पवर्षा से अभिनंदन किया।
प्रयागराज : किन्नर अखाड़े के संत-महात्मा शहरवासियों को आशीष देकर विदा हो गए। इसके लिए अखाड़े की ओर से आभार यात्रा निकाली गई। इन संत-महात्माओं को विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में शहर के लोग सड़कों पर उतरे। जगह-जगह माल्यार्पण व पुष्प वर्षा कर उन्हें विदाई दी गई।
शहर के मार्गों पर निकली आभार यात्रा
आभार यात्रा दारागंज के दशाश्वमेघ घाट से रवाना हुई। सबसे आगे रथ पर अखाड़े की बऊचरा माता और आराध्य भगवान महाकाल चल रहे थे। उनके पीछे आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी भव्य रथ पर छत्र और चंवर के साथ सवार थे। वह सभी को आशीर्वाद देते हुए चल रहे थे। उनके अलावा रथ पर किन्नर अखाड़ा की भवानी मां, महामंडलेश्वर पूजा, पुष्पा माई, कामिनी माई, वंशिका, पवित्रा, कामिनी, मयूरी माई, संजना माई सहित अन्य प्रमुख संत-महात्मा शामिल रहे। इस दौरान दारागंज, अलोपीबाग, बैरहना, रामबाग, बाई का बाग होते हुए रामभवन चौराहे पर बने भगवान शिव के मंदिर में पूजन के साथ आभार यात्रा संपन्न हुई।
लोगों के सम्मान का किन्नर अखाड़ा आभारी : आचार्य लक्ष्मीनारायण
अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि प्रयागराज के लोगों ने कुंभ में जो प्रेम और सम्मान दिया है उसके लिए किन्नर अखाड़ा हमेशा आभारी रहेगा।
दुर्व्यवहार पर जताया विरोध
किन्नर अखाड़ा के संत महात्मा कुंभ मेले के अंतिम स्नान पर्व पर अमरत्व स्नान नहीं कर सके। पुलिस व प्रशासन की अनुमति न होने के कारण उन्हें रोक दिया गया था। आचार्य लक्ष्मीनारायण ने कहा कि अखाड़े के सदस्यों के साथ दुव्र्यवहार किया गया है। इसकी जांच करके उचित कार्रवाई की जाए।