Karthik Mela 2021: प्रयागराज में कार्तिक मेला शुरू, फिर भी यमुना के बलुआघाट पर फेंका जा रहा कचरा
Karthik Mela 2021 भाजपा नेत्री अनामिका चौधरी ने स्वयंसेवकों के साथ कार्तिक मेला स्थल यमुना के बलुआघाट पर सफाई की। स्थानीय लोगों को जागरूक किया कि वह घाट के आसपास कचरा न फेंकें। इससे लोगों को कठिनाई होने के साथ नदी भी प्रदूषित हो रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कार्तिक मास में प्रत्येक वर्ष प्रयागराज के यमुना तट पर लगने वाला कार्तिक मेला शुरू हो चुका है। प्रशासन ने तैयारियों के नाम पर खूब ढिंढोरा पीटा लेकिन बलुआघाट पर अब भी कचरा फेंकने का सिलसिला जारी है। इसकी वजह से वहां कूड़े का ढेर लग गया है, जो दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। स्थिति से निपटन के लिए भाजपा की प्रदेश मंत्री अनामिका चौधरी ने पहल की।
भाजपा नेत्री अनामिका चौधरी ने स्वयंसेवकों संग घाट पर की सफाई
भाजपा नेत्री अनामिका चौधरी ने स्वयंसेवकों के साथ घाट पर पहुंचकर सफाई की। नगर निगम के कर्मचारियों को बुलवा कर कूड़ा भी उठवाया। स्थानीय लोगों को जागरूक किया कि वह घाट के आसपास कचरा न फेंकें। इससे लोगों को कठिनाई होने के साथ नदी भी प्रदूषित हो रही है। नगर निगम के अधिकारियों से आग्रह किया कि मेला के दौरान क्षेत्र में साफ सफाई का इंतजाम किया जाए। कहीं भी कूड़े का ढेर न लगे इसकी भी व्यवस्था हो।
मास्क लगाने के लिए किया प्रेरित
भाजपा प्रदेश मंत्री अनामिका चैधरी ने सभी से आग्रह किया कि मास्क जरूर लगाएं। अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। सजग रहने की जरूरत ह। जिन लोगों के पास मास्क नहीं था उन्हें मास्क भी बांटा गया। शारीरिक दूरी जैसे नियम का भी पालन करने की हिदायत दी गई। इस दौरान नेहा केशरी, मीनू पांडेय, मृणाली मिश्रा, सुमन बाला, त्रिगुणात्मिका, शीतल शुक्ल, आस्था तिवारी, बाबी, प्रियांशु, विजय केशरी, राकेश मिश्रा आदि ने यमुना में स्नान कर रहे लोगों को स्लोगन के माध्यम से पालीथीन का प्रयोग न करने के लिए जागरूक किया।
कार्तिक में नदियों के तट पर वास करते हैं ईश्वर
पार्षद सतीश केसरवानी ने लोगों को कार्तिक का महत्व समझाया। कहा की कार्तिक मास बहुत पवित्र होता है। इस समय ईश्वर साक्षात नदियों के तट पर वास करते हैं। इसलिए लोगों को चाहिए की नदियों को जरूर स्वच्छ रखें। सजल अग्रवाल व सोमनाथ मिश्रा ने सभी से यह भी आग्रह किया कि माला फूल का विसर्जन नदियों में न करें। इस जल प्रदूषण से जलीय जीवों पर संकट आ जाता है। पालीथिन का भी प्रयोग पूरी तरह से बंद करना होगा।