सूकरखेत-रामनगरिया और प्रयागराज में कल्पवास को पहुंच रहे साधु-संत और गृहस्थ
पौष मास की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में मास भर चलने वाला कल्पवास रविवार से शुरू हो रहा है लेकिन अक्षयवट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला नहीं जा सका।
जेएनएन, प्रयागराज। पौष मास की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में मास भर चलने वाला कल्पवास रविवार से शुरू हो रहा है लेकिन अक्षयवट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला नहीं जा सका। दरअसल अक्षयवट वाले ऐतिहासिक किले में विकास कार्य चल रहे हैं जिनके पूरा होने पर ही दर्शन हो सकेंगे। दर्सन का समय भोर में पांच से शाम छह बजे तक है। दर्शन के लिए ढाई किमी का परिपथ तैयार हो रहा है। फिलहाल कल्वास के लिए साधु-संत और गृहस्थों का आना शुरू है। सूकरखेत पसका और रामनगरिया में भी कल्पवासियों की आमदरफ्त तेज हो गई है।
सूकरखेत पसका का त्रिमुहानी घाट
गोंडा स्थित पौराणिक स्थल सूकरखेत पसका का त्रिमुहानी घाट और फर्रुखाबाद स्थित रामनगरिया में भी माह भर चलने वाला कल्पवास रविवार से शुरू हो रहा है। संगम तट पर कल्पवास करने वाले संत-महात्माओं का आगमन शुरू है। वह तप-साधना करने के लिए फूस की झोपड़ी के निर्माण मे जुट गए हैं। ठंड से बचाव के लिए लकड़ी काटकर इकट्ठा कर रहे हैं। फर्रुखाबाद के रामनगरियां में गंगा तट पर टेंट सिटी बनकर तैयार है। लोगों का आना जा से ही शुरू है। जैसे-जैसे रामनगरिया मेले के दिन गुजरते जाएंगे, मेला सघन होता जाएगा। मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि कल्पवास करने आ रहे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
अक्षयवट के दर्शन फिलहाल नहीं
प्रयागराज में टेंट सिटी बनकर तैयार है। कल्पवासियों का आना शुरू है। इस बीच एक परिपथ के जरिए अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप को जोड़ा जा रहा है। किला घाट मार्ग पर स्थित गेट से प्रवेश होगा और त्रिवेणी बांध के नीचे परेड की ओर निकासी होगी। यह मार्ग 218 मीटर का होगा। पांच मीटर चौड़े इस रास्ते में दो मीटर जाने और दो मीटर आने का मार्ग होगा। एक मीटर चौड़ी जगह में पुलिस और सेना के जवान सुरक्षा की दृष्टि से तैनात होंगे। डीआइजी कुंभ केपी सिंह ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से प्रमुख स्नान पर्वों पर दर्शन नहीं कराया जा सकेगा। अन्य दिनों के लिए जल्द कार्य योजना तैयार करा ली जाएगी।