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कैलाश सत्यार्थी ने सुझाया, हथियारों पर नहीं बल्कि बच्चों की शिक्षा पर खर्च हो पैसा Prayagraj News

नोबल पुरस्‍कार विजेता कैलाश सत्‍यार्थी ने कहा कि युद्ध की तैयारी व सेना के लिए हथियारों की खरीद आदि पर रुपये खर्च न हो बल्कि इससे दुनिया के निराश्रित और गरीब बच्चों की पढ़ाई हो।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 08:54 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 08:54 AM (IST)
कैलाश सत्यार्थी ने सुझाया, हथियारों पर नहीं बल्कि बच्चों की शिक्षा पर खर्च हो पैसा Prayagraj News
कैलाश सत्यार्थी ने सुझाया, हथियारों पर नहीं बल्कि बच्चों की शिक्षा पर खर्च हो पैसा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपने दीक्षांत भाषण से शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने दुनिया भर में निराश्रित व गरीब बच्चों की स्थिति पर मेधावियों को झकझोरा। देश और दुनिया भर के बच्चों के हालात की ताजा रिपोर्ट बताते हुए कहा कि आज युद्ध की तैयारी व सेना के लिए हथियारों की खरीद आदि पर साल भर में जितना खर्च हो रहा है उसका साढ़े चार दिन का पैसा ही इन बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने को चाहिए। कहा कि मेधावी आगे बढ़ें और ये संदेश पूरी दुनिया को दें कि हथियारों पर नहीं बल्कि बच्चों की शिक्षा पर पैसा खर्च किया जाए।

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कहा, इतने पैसे में विश्व के करीब 10 करोड़ निराश्रित, गरीब बच्चे पढ़ सकेंगे

कैलाश सत्यार्थी ने बताया कि इससे विश्व के लगभग 10 करोड़ निराश्रित और गरीब बच्चों की पढ़ाई हो सकती है। सत्यार्थी के मुताबिक बाल श्रम की वजह गरीबी मानी जाती है। निराश्रित बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं, उसका कारण गरीबी बताई जाती है। ऐसा कत्तई नहीं है। आज दुनिया भर में हथियारों की खरीद के लिए होड़ मची है। युद्ध की तैयारी के लिए पैसा बर्बाद हो रहा है लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर नहीं। कहा कि 22 अरब डालर दुनिया भर के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के लिए आवश्यक है।

अहम आंकड़े

- 22 अरब डालर की जरुरत है बच्चों की प्राथमिक शिक्षा को

- 40 अरब डालर की आवश्यकता है बच्चों की सेकेंडरी एजुकेशन को

- 21 करोड़ बच्चे अधिकारों से वंचित हैैं दुनिया में

- 15 करोड़ बच्चे विश्व भर में कर रहे हैैं बाल मजदूरी

- 08 बच्चे हर घंटे में देश में चोरी हो जाते हैैं

- 04 बेटियों का हर घंटे देश में होता है यौन शोषण

आज दुनिया के 21 करोड़ बच्चे अधिकारों से वंचित हैैं

विश्व के गरीब व निराश्रित बच्चों की सेकेंडरी एजुकेशन के लिए 40 अरब डालर की जरूरत है। आज दुनिया के 21 करोड़ बच्चे अधिकारों से वंचित हैैं। विश्व में 15 करोड़ बाल मजदूर हैैं। बताया कि दुनिया में 21 करोड़ शिक्षित बेरोजगार हैैं। बाल मजदूर कहीं न कहीं शिक्षित बेरोजगारों का रोजगार छीन रहे हैैं। कम पैसे में बच्चों से काम कराया जाता है, जिससे बड़ों को काम नहीं मिलता है। कहा कि मौजूद समय में जानवरों से कम कीमत में बच्चे बेचे जा रहे हैैं। घाना देश की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि वहां के बच्चे चॉकलेट के लिए कोको बींस छीलते हैैं। पाकिस्तान में बड़ी तादाद में बच्चे खिलौने बनाते हैैं। अन्य कई देशों के बच्चों की भी यही हालत हैै।


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