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चंद्रयान-2 से संबंधित कौतूहल को जवाहर तारामंडल 11 मिनट में शांत करेगा Prayagraj News

चंद्रयान-2 को लेकर लोगों में जिज्ञासा है। चंद्रमा से जुड़े तमाम रहस्‍यों की जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए जवाहर तारामंडल ने पहल की है। वीडियो के माध्‍यम से इसकी जानकारी दी जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 05:53 PM (IST)
चंद्रयान-2 से संबंधित कौतूहल को जवाहर तारामंडल 11 मिनट में शांत करेगा Prayagraj News
चंद्रयान-2 से संबंधित कौतूहल को जवाहर तारामंडल 11 मिनट में शांत करेगा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। चंद्रयान-2 अपने तय लक्ष्य पर पहुंचने से भले चूक गया है, लेकिन चंद्रमा के रहस्य को जानने के लिए लोगों में कौतूहल है। लोगों के इसी कौतूहल और जिज्ञासा को शांत करने के लिए जवाहर तारामंडल ने पहल की है। कुछ मिनट का यहां वीडियो तैयार किया है। जिसे देखकर यहां आने वाले लोगों को काफी कुछ जानकारी मिल सकेगी।

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शो शुरू होने से पूर्व दर्शकों की शांत होगी जिज्ञासा

चंद्रमा के रहस्य से पर्दा उठाने और मिशन चंद्रयान पर रोशनी डालने के लिए आनंद भवन स्थित जवाहर तारामंडल ने 11 मिनट का वीडियो तैयार किया है। इस वीडियो को तारामंडल में शो प्रारंभ होने से पहले दर्शकों को दिखाया जाएगा। इस वीडियो के जरिए चंद्रमा के बारे अब तक चंद्रयान-2 के माध्यम से चंद्रमा की मिली जानकारी दिखाई जाएगी। इसके माध्यम से किसी हद तक लोगों की जिज्ञासाओं को शांत भी किया जा सकेगा।

चंद्रयान-2 में कहां और कैसे हुई चूक, पता लगा लेंगे वैज्ञानिक

आनंद भवन स्थित तारामंडल में आने वाला हर शख्स यही जानने को उत्सुक है कि आखिर हमारा चंद्रयान-2 अपनी मंजिल तक क्यों नहीं पहुंच सका। तारामंडल के विशेषज्ञ सबकी जिज्ञासा शांत करने में जुटे रहे। दर्शकों को बताया गया कि इसरो के वैज्ञानिक अध्ययन के बाद यह पता लगा लेंगे कि आखिर यह चूक कैसे हुई। वैसे तारामंडल में शो शुरू होने के पहले दर्शकों को चंद्रयान-2 से संबंधित जानकारियां दी जा रही हैं।

इस अभियान में देश को 95 फीसद सफलता मिली है : डॉ. रविकिरन

तारामंडल के निदेशक डॉ. रविकिरन ने बताया कि चंद्रयान-2 का चंद्रमा की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर पहले ही इसरो से संपर्क खत्म हो गया। लैंडर विक्रम में इतने हाइटेक कैमरे लगाए गए हैं, जिसके जरिए हमारे वैज्ञानिक उसे खोज निकालेंगे। हमारा मानना है कि इस अभियान में देश को 95 फीसद सफलता मिली है। डॉ. रविकिरन ने बताया कि विभिन्न देशों ने अभी तक चंद्रमा तक पहुंचने के लिए 38 बार प्रयास किया है लेकिन सफलता महज 20 बार मिली है। अभी तक अमेरिका, रूस व चीन को ऐसे अभियानों में सफलता मिली है। यदि भारत को शत-प्रतिशत सफलता मिल जाती तो भारत विश्व का चौथा देश हो जाता।


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