Jawahar Pandit murder case Prayagraj : करवरिया बंधु को बचाने की कोशिश करने वाले रिटायर्ड सीओ पर एफआइआर
Jawahar Pandit murder case Prayagraj मुकदमे की सुनवाई होने पर अदालत ने टिप्पणी की थी कि विवेचक प्रदीप कुमार ने अभियुक्तगणों को फायदा और पीडि़त पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए मनगढ़ंत व झूठी कहानी लिखी है। सीबीसीआइडी ने फिर से मामले की जांच कराई तो आरोप सही पाए गए।
प्रयागराज,जेएनएन। जिले में हुए बहुचर्चित विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में अभियुक्त पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, उनके भाई पूर्व विधायक उदयभान, सूरज भान समेत अन्य को बचाने की कोशिश के आरोप में रिटायर्ड सीओ प्रदीप कुमार वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। कोर्ट की टिप्पणी के बाद सीबीसीआइडी के इंस्पेक्टर उमाशंकर त्रिपाठी ने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हत्याकांड में करवरिया बंधु को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
अगस्त 1996 को विधायक जवाहर पंडित की गोली मारकर हुई थी हत्या
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में सुभाष चौराहे के पास अगस्त 1996 को विधायक जवाहर पंडित की गोली मारकर हत्या की गई थी। मामले में कपिलमुनि, उदयभान, सूरजभान, रामचंद्र समेत कई के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस मामले की विवेचना कर रही थी। बसपा सरकार में मुकदमा सीबीसीआइडी को ट्रांसफर हो गया था। उस वक्त वाराणसी में तैनात सीबीसीआइडी के तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार वर्मा को विवचेना मिली। एफआइआर के मुताबिक, विवेचक प्रदीप कुमार ने लखनऊ जेल में बंद अभियुक्त मायाशंकर का बयान दर्ज किया। बयान में मायाशंकर ने कहा था कि जुलाई 1996 में पुलिस लाइन के पास जवाहर जायसवाल पर हरिहर सिंह ने अपने साथियों के साथ हमला किया था। दोस्त पर हमला होने से जवाहर पंडित ने हमलावरों को गाली दी थी। इसकी जानकारी होने पर मायाशंकर ने अपने साथी बंशी सिंह, पांचू और हरिहर के साथ विधायक जवाहर पंडित की हत्या कर दी थी। बंशी सिंह और पांचू का एनकाउंटर हो चुका है, जबकि हरिहर सिंह फरार है।
विवेचक पर जांच में झूठी कहानी गढ़ने का आरोप
मुकदमे की सुनवाई होने पर अदालत ने टिप्पणी की थी कि विवेचक प्रदीप कुमार ने अभियुक्तगणों को फायदा पहुंचाने और पीडि़त पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए मनगढ़ंत व झूठी कहानी लिखी है। इस पर सीबीसीआइडी ने फिर से मामले की जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। तब इंस्पेक्टर उमांशकर त्रिपाठी ने सिविल लाइंस में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की।