Move to Jagran APP

Jagdish Chandra Basu Birth Anniversary: बच्‍चों ने जाना, प्रख्‍यात वैज्ञानिक डा. बसु क्‍यों प्रसिद्ध थे

Jagdish Chandra Basu Birth Anniversary प्रयागराज के स्‍कूल में हुए कार्यक्रम में वक्‍ता बोले डा. बसु क्रेस्कोग्राफ नामक संवेदनशील यंत्र बनाया। इसकी मदद से पौधों की वृद्धि और उनके किसी भाग को काटे या चोट पहुंचाए जाने पर पौधों में होने वाली सूक्ष्म प्रतिक्रियाओं का पता लगाया जा सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaPublished: Wed, 30 Nov 2022 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 05:39 PM (IST)
Jagdish Chandra Basu Birth Anniversary: बच्‍चों ने जाना, प्रख्‍यात वैज्ञानिक डा. बसु क्‍यों प्रसिद्ध थे
प्रयागराज के ज्वाला देवी इंटर कॉलेज में प्रख्यात वैज्ञानिक डाक्टर जगदीश चंद्र बसु की जन्‍मतिथि मनाई।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Jagdish Chandra Basu Birth Anniversary प्रख्‍यात वैज्ञानिक डा. जगदीश चंद्र बसु की जन्मतिथि आज 30 नवंबर को मनाई गई। प्रयागराज के ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में उनकी जन्‍मतिथि पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें बच्‍चों को वक्‍ताओं ने इस महान वैज्ञानिक की जीवनी, उनके कार्य को बताया। साथ ही डा. बसु द्वारा पौधों की प्रगति का अध्‍ययन करने के लिए क्रेस्‍कोग्राफ यंत्र की विशेषता भी जानी।

loksabha election banner

ज्‍वाला देवी सरस्‍वती विद्या मंदिर कालेज में आयोजन : ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में विज्ञान प्रमुख रामचंद्र सोनी, दिनेश तिवारी ने डा. बसु के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कहा कि डा. बसु का जन्म बंगाल के मैमन सिंह जिले के फरीदपुर गांव में 1858 में हुआ था। उनके पिता भगवान चंद्र बसु फरीदपुर के डिप्टी मजिस्ट्रेट थे फिर भी उन्होंने जगदीश का प्रवेश गांव के ही स्कूल में कराया।

क्रेस्कोग्राफ नामक अति संवेदनशील यंत्र बनाया : वक्‍ताओं ने बच्‍चों को बताया कि नौ वर्ष की उम्र में जगदीश चंद्र बसु घर छोड़कर आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता चले गए। वहां उनका रुझान मेढक, मछलियां, गिलहरियाें और सांप आदि के साथ अन्य जीव जंतुओं, वनस्पतियों की ओर हो गया। वे पौधों की जड़े उखाड़कर देखते रहते। तरह-तरह के फल-फूल के पौधे भी उगाते थे। विद्यार्थी जीवन में ही उनका मन स्वाभाविक रूप से पेड़-पौधों की दुनिया में रमने लगा। वह यह जानने को उत्सुक रहने लगे कि क्या पेड़-पौधो में भी हमारी तरह जीवन है? आगे चलकर उन्होंने इसी क्षेत्र में शोध किया। क्रेस्कोग्राफ नामक अति संवेदनशील यंत्र बनाया। इसकी मदद से पौधों की वृद्धि और उनके किसी भाग को काटे या चोट पहुंचाए जाने पर पौधों में होने वाली सूक्ष्म प्रतिक्रियाओं का पता लगाया जा सकता है।

डा. बसु अनुसंधानों के कारण प्रख्यात विज्ञानियों में गिने जाते हैं : विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने कहा कि डा. जगदीश चंद्र बसु अपने अनुसंधानों के कारण विश्व के प्रख्यात विज्ञानियों में गिने जाते हैं। उनका कहना था कि हमें अपने कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. स्वयं अपना कार्य करना चाहिए, किंतु यह सब करने से पूर्व अपना अहंकार और घमंड त्याग देना चाहिए। विश्व समुदाय के समक्ष भारत का मस्तक ऊंचा उठाने वाले इन महान वैज्ञानिक को नमन किया। इस मौके पर दीपक दुबे आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.