... तो इस कारण माघमेला कार्य समय पर पूरा करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा Prayagraj News
प्रयागराज में संगम की रेती में लगने वाले एक माह के माघमेला का अलग महत्व है। गंगा-यमुना के बाढ़ की वजह से कार्य शुरू होने में बाधा आ रही है। प्रशासन तैयारी की कवायद शुरू है।
प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। माघमेला के कार्यों के शुरू होने में बाढ़ बाधा बनकर खड़ी हो गई है। अमूमन अक्टूबर से माघमेला का कार्य शुरू हो जाता था मगर अभी मेला क्षेत्र में कई फीट पानी भरा होने से करीब तीन हफ्ते तक काम शुरू होने की उम्मीद नहीं है। पानी ज्यादा दिन ठहर जाने के कारण जमीन सूखने में भी काफी समय लग सकता है। काम समय पर पूरा करना प्रशासन के लिए चुनौती है। ऐसे में नई रणनीति बनाने के निर्देश सभी विभागों को दिए गए हैैं।
बाढ़ का पानी हटने के बाद लेआउट का निर्धारण संभव हो सकेगा
माघमेला बसाने के लिए सबसे पहले लेआउट का निर्धारण होगा, जो बाढ़ का पानी हटने के बाद संभव हो सकेगा। लेआउट तैयार होने पर जमीन की नाप-जोख और फिर समतलीकरण का कार्य होगा, जो कि जमीन सूखने के बाद शुरू हो सकेगा। इन सब कामों में 15 दिन का कम से कम वक्त लग सकता है। इसके बाद ही लोक निर्माण विभाग और विद्युत विभाग अपने काम शुरू करा सकेंगे। जल निगम और स्वास्थ्य विभाग के काम में और देरी की आशंका है, क्योंकि इन विभागों के काम तभी शुरू होंगे जब सड़क और बिजली के काम हो जाएंगे। अब सभी विभागों को पानी घटने का इंतजार है।
खास बातें
- 05 सेक्टरों में लेआउट के मुताबिक माघमेला बसाने की है योजना
- 07 पांटून पुल व 23 चकर्ड प्लेट की सड़कें भी बनाई जाएंगी
- 12 हजार एलईडी लाइट लगाई जाएंगी, 22 अस्थायी उपकेंद्र बनेंगे
- 40 हजार के करीब टॉयलेट्स और यूरिनल की भी व्यवस्था की जाएगी
प्रमुख स्नान पर्व पर एक नजर
10 जनवरी : पौष पूर्णिमा
15 जनवरी : मकर संक्रांति
24 जनवरी : मौनी अमावस्या
30 जनवरी : वसंत पंचमी
09 फरवरी : माघी पूर्णिमा
21 फरवरी : महाशिवरात्रि
बोले पीडब्ल्यूडी के अधिकारी
पीडब्ल्यूडी माघमेला खंड के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार कठेरिया का कहना है कि टेंडर के कार्य हो रहे हैैं, पानी घटते ही काम शुरू कराया जाएगा। विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता आरके यादव का कहना है कि बिजली के काम सड़क बनने के बाद ही शुरू हो सकेंगे।
प्रभारी अधिकारी माघमेला ने कहा
प्रभारी अधिकारी माघमेला रजनीश कुमार मिश्र कहते हैं कि गंगा और यमुना का पानी निकलने का इंतजार है। पानी कम होते ही लेआउट और फिर समतलीकरण का काम तेजी से कराया जाएगा। सभी काम तय समय पर पूरा हो जाए, इसके लिए नई रणनीति बनाई जा रही है।