इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी हांगलू पर लगे आरोपों की जांच पूरी Prayagraj News
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के निर्देश पर गठित जांच कमेटी के चेयरमैन इग्नू के कुलपति व दो सदस्यों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रोफेसर हांगलू पर लगे आरोपों की जांच की।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू पर लगे वित्तीय, प्रशासनिक और शैक्षणिक अनियमितता के आरोपों की पोटली जांच कमेटी के कैमरे में कैद हो गई है। कमेटी ने दो दिन में कुल 68 शिकायतकर्ताओं से मुलाकात कर कैमरे के सामने बातचीत की। इस बीच कमेटी के पास कुल 123 फाइलें पहुंचीं।
जांच कमेटी के चेयरमैन समेत दो सदस्य आए थे
इविवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पर लगे आरोपों की जांच के लिए इविवि के विजिटर यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के निर्देश पर तीन जनवरी को जांच कमेटी गठित की गई थी। कमेटी के चेयरमैन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि (इग्नू) के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव के अलावा दो सदस्य गुजरात केंद्रीय विवि के कुलपति प्रोफेसर रमाशंकर दुबे और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विवि अमरकंटक (मध्य प्रदेश) के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी शुक्रवार की सुबह चैथम लाइन स्थित इविवि के गेस्ट हाउस पहुंचे।
शिकायत करने वालों के बयान की बाकायदा रिकॉर्डिंग कराई गई
कमेटी ने पहले दिन उन्होंने कुल 26 लोगों से मुलाकात की। दूसरे दिन कमेटी ने सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक 42 लोगों से मुलाकात की। शिकायत करने वालों के बयान की रिकॉर्डिंग कराई गई। शिकायत करने वालों में छात्रनेता के अलावा आम छात्र-छात्राएं, इविवि के शिक्षक और कर्मचारी थे। साथ ही कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी और रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल से भी बातचीत की। कमेटी के नोडल अफसर यानी इविवि के रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल ने बताया कि कमेटी रवाना हुई।
अब जांच रिपोर्ट का है इंतजार
सूत्रों की मानें तो जांच कमेटी के हाथ कई अहम सबूत पहले ही दिन लग गए। दूसरे दिन शनिवार को भी कई मामले के साक्ष्य इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र और ऋचा सिंह, अजय सम्राट के अलावा कुछ रिटायर्ड शिक्षकों ने कमेटी को सौंपा। ऐसे में माना जा रहा है कि अब कमेटी की जांच पूरी हो गई। अब कमेटी इन सभी आरोपों और शिकायतकर्ताओं की ओर से मिले साक्ष्यों का गहनता से अध्ययन करेगी। इसके बाद जल्द ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। फिलहाल अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं।