Coronavirus Pratapgarh News : कोविड सामानों की खरीद का मामला, छानबीन से स्वास्थ्य विभाग में बढ़ी हलचल
पंचायती राज विभाग की देखरेख में अधिक दाम पर आक्सीमीटर की खरीद की गई है। अब स्वास्थ्य विभाग ने क्या गुल खिलाए हैं इसकी गांठ खुलना बाकी है।
प्रतापगढ़,जेएनएन। कोविड संबंधी सामानों की खरीद में प्रतापगढ़ में भी गड़बड़ी की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस मामले में शासन द्वारा की जा रही छानबीन को लेकर जिम्मेदारों की धड़कन बढ़ी है। हालांकि शासन को यहां की रिपोर्ट में अभी तक सब ठीक मिला है।
पड़ोसी जिले सुलतानपुर में वहां के सत्ता पक्ष के विधायक ने ही गड़बड़ी का आरोप लगाकर सीएम को पत्र लिखा। इस पत्र के वायरल होने पर उसकी आंच महज 40 किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ तक पहुंचने लगी। सोशल मीडिया पर यह बात तैरने लगी कि हो सकता है पूरी दाल न सही, पर दाल में कुछ काला हो सकता है। इस बीच एक बात साफ हो गई कि पंचायती राज विभाग की देखरेख में अधिक दाम पर आक्सीमीटर की खरीद की गई है। अब स्वास्थ्य विभाग ने क्या गुल खिलाए हैं, इसकी गांठ खुलना बाकी है। पिछले दिनों प्रदेश स्तर पर प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में एनलाइजर मशीन को दोगुने दाम पर और चाइना मेड खरीदने का मामला उछला था। इस पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य तक ने संज्ञान लेकर जांच के निर्देश दिए। इसमें क्या निकलेगा, यह वक्त बताएगा, पर विभाग अपनी दाढ़ी बार-बार जरूर टटोल रहा है। सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का दावा है कि जिले में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। शासन के निर्देश के अनुसार ही काम किया गया है।
विभाग का दावा
स्वास्थ्य विभाग के दावे पर यकीन करें तो यहां पर जो खरीद हुई है वह मानक पर है। उत्तर प्रदेश मेडिकल कॉर्पोरेशन सूडा भवन के जरिए भेजी गई सामग्री के बारे में पता चला है कि इसमें थर्मल स्कैनर 5250 रुपये, आक्सीमीटर 850 रुपये, मास्क6.25 प्रति पीस, सैनिटाइजर 49.50 पैसे प्रति शीशी, ग्लब्स 5.25 रुपये जोड़ा, पीपीई किट 685 रुपये में दी गई है, लेकिन जो खरीद लोकल स्तर पर हुई है उसके बारे में विभाग मुंह नहीं खोल रहा है। अब तक लखनऊ से ग्लब्स 15 हजार, मास्क पांच हजार, सैनिटाइजर 80 बॉक्स पांच लीटर प्रति बॉक्स आया है।
ग्राम पंचायतों में चार गुने दाम पर खरीदी किट, जांच शुरू
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सभी ग्राम पंचायतों में कोरोना किट खरीदी गई थी। इसके लिए कोई अलग से बजट ग्राम पंचायतों को नहीं मिला था, लेकिन ग्राम प्रधानों ने राज्य वित्त के मद से इसकी खरीदारी की। एक ओर जहां कुछ प्रधानों ने इसे तीन से चार हजार रुपये में खरीदा। वहीं काफी संख्या में ऐसे प्रधान हैं जिन्होंने 11 से साढ़े 12 हजार रुपये में मशीन क्रय करने के बाद बिल विभाग को भेजा है। कोरोना किट की खरीदारी में हुए गड़बड़झाले के आरोप के बाद महकमा सख्त हो गया है। जांच भी शुरू हो गई है। कई प्रधानों व सचिवों पर कार्रवाई होनी तय है। जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसमें सदर, मानधाता, गौरा, शिवगढ़, संड़वा चंद्रिका सहित अन्य ब्लाक शामिल हैं। इसके अंतर्गत 1241 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों में कोरोना किट खरीदने के नाम पर ग्राम प्रधानों ने गड़बड़झाला किया है। कई गांवों में इस तरह की मनमानी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में कोरोना किट खरीदा गया था। इसकी जांच एडीपीआरओ लाल चंद्र गुप्ता कर रहे हैं। ग्राम पंचायत के कैश बुक की भी जांच चल रही है।