अंतरजनपदीय स्थानातरण के शिक्षकों को तीन माह से नहीं मिला वेतन
अंतरजनपदीय स्थानातरण के तहत आए अध्यापकों का वेतन भुगतान तीन महीने से बाधित है। इसकी वजह से उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कोरोना काल में यह स्थिति और भी गंभीर हो रही है। खास बात यह कि सभी शिक्षकों के आवश्यक प्रपत्र लेखा कार्यालय में भी पहुंच चुके हैं लेकिन ब्लॉकों को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : अंतरजनपदीय स्थानातरण के तहत आए अध्यापकों का वेतन भुगतान तीन महीने से बाधित है। इसकी वजह से उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कोरोना काल में यह स्थिति और भी गंभीर हो रही है। खास बात यह कि सभी शिक्षकों के आवश्यक प्रपत्र लेखा कार्यालय में भी पहुंच चुके हैं लेकिन ब्लॉकों को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
शिक्षक नेता ब्रजेन्द्र सिंह ने बताया कि विकासखंड में शिक्षकों के प्रपत्र न पहुंचने से वेतन बनाने में असुविधा हो रही है। कुछ बिल प्रभारियों का यह कहना है कि वेतन लगाने के लिए सíवस बुक भी होनी चाहिए क्योंकि कुछ लोग डिमोशन लेकर आए होंगे। ऐसे में शिक्षकों के एलपीसी (लास्ट पेमेंट सर्टीफिकेट) में नोट अवश्य लिखा गया होगा। नहीं भी लिखा हो तो अध्यापकों से इस संबंध में लिखित लेकर वेतन भुगतान कराएं। बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने कहा कि एक दो दिन में सभी आवश्यक प्रपत्र विकसखंड मे भेजवा दिए जाएंगे। वेतन भुगतान संबंधी प्रक्रिया भी शुरू करा दी जाएगी। शिक्षकों को स्कूल बुलाने में रोटेशन प्रणाली लागू हो
चुनाव ड््यूटी से लौटे अधिकांश शिक्षक संक्रमण की जद में हैं। उनका कहना है कि स्कूल में इन दिनों कोई कार्य नहीं है। विद्यार्थी घर से ही पढ़ाई कर रहे हैं तो शिक्षक भी ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते हैं। या फिर शिक्षकों को भी रोटेशन के अनुसार विद्यालय बुलाया जाए जिससे उनमें संक्रमण का खतरा कुछ कम हो। शिक्षक नेताओं ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया है। कहा कि जो अध्यापक डोर टू डोर सर्वे ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें भी रोटेशन के अनुसार लगाएं साथ ही कुछ समय आइसोलेशन में भी रखें जिससे उनके परिवार के लोगों में संक्रमण का खतरा न हो। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षामंत्री डा. सतीश द्विवेदी को पत्र लिखकर शिक्षकों को स्कूल न बुलाने का आग्रह किया है।