बसें कार्यशालाओं की शोभा बनने की बजाए सड़क पर होनी चाहिए Prayagraj News
कार्यशाला से ड्यूटी पर निकलते समय फिटनेस की जांच करना और स्वीकृति देना बड़े अधिकारियों के जिम्मे है। कागजी खानापूर्ति के बावजूद बसें अक्सर सड़क पर खराब होकर खड़ी हो जा रही हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। रोडवेज की बसें यात्रियों को ले जाते समय कब, कहां खराब हो जाएं, इसका कोई भरोसा नहीं है। जो बसें काफी पहले से रोडवेज के बाड़े में हैं उनकी फिटनेस तो खानापूर्ति के लिए जांची जाती है और जो कुंभ शटल बसें पिछले साल ही मिली हैं उनमें लगातार आ रही खराबी जगजाहिर है। ऐसे में माघ मेले की शुरुआत से पहले सभी बसों की हालत सुधारने तथा शत प्रतिशत फिट रखने का निर्देश क्षेत्रीय प्रबंधक ने कार्यशालाओं को दिया है।
मेले को लेकर दिए निर्देश
रोडवेज की कार्यशालाओं में अधिकांश संविदा कर्मी ही बसों के इंजन समेत अन्य पुर्जों, इलेक्ट्रिक, वायपर को दुरुस्त रखने का काम करते हैं। जबकि कार्यशाला से ड्यूटी पर निकलते समय फिटनेस की जांच करना और स्वीकृति देना बड़े अधिकारियों के जिम्मे है। कागजी खानापूर्ति के बावजूद बसें अक्सर सड़क पर खराब होकर खड़ी हो जा रही हैं। यात्रियों को बीच रास्ते दूसरी बसों में शिफ्ट करना पड़ता है। इस परिस्थिति के बीच ही माघ मेले की शुरुआत अगले माह हो रही है। इससे अधिकारियों ने परेशानी से बचने के लिए अभी से मशक्कत शुरू कर दी है।
31 दिसंबर तक बसों को पूरी तरह फिट करने के निर्देश
प्रयागराज क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन ने बताया कि 31 दिसंबर तक सभी कार्यशालाओं में बसों को पूरी तरह से फिट करने का निर्देश देते हुए कहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह में बसें कार्यशालाओं की शोभा बनने की बजाए सड़क पर होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने कुंभ शटल की अपेक्षा पहले से संचालित बसों पर ज्यादा भरोसा जताया है। कहा कि माघ मेले में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लगने वाली बसों को दुरुस्त रखा जाएगा।