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स्‍वरोजगार के लिए कर्ज : शुरू में तो नो लिमिट थी, अब तय कर दी गई सीमा Prayagraj News

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और ओडीओपी के लिए सरकार ने लक्ष्‍य तय किया है। इससे प्रयागराज के कई आवेदकों को लोन नहीं मिल सकेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 12:07 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 05:01 PM (IST)
स्‍वरोजगार के लिए कर्ज : शुरू में तो नो लिमिट थी, अब तय कर दी गई सीमा Prayagraj News
स्‍वरोजगार के लिए कर्ज : शुरू में तो नो लिमिट थी, अब तय कर दी गई सीमा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। करीब दो महीने के लाकडाउन से उत्पन्न हालात के मद्देनजर सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने का निर्णय लिया था। इसके लिए स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं का संचालन भी अप्रैल महीने से शुरू कर दिया गया। इन योजनाओं के तहत कर्ज लेने के लिए उत्साह दिखाते हुए लोग जिला उद्योग केंद्र में आवेदन भी कर रहे हैं। करीब साढे चार महीने में 12 सौ से ज्यादा लोगों ने आवेदन भी किया। हालांकि अब सरकार ने कर्ज देने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। तीनों योजनाओं में सिर्फ 218 लोगों को ही लोन मिल सकेगा। इससे ज्यादातर आवेदकों को लोन से वंचित होना पड़ेगा।

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अब तक करीब 12 सौ लोगों ने आवेदन किए

सरकार के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2020- 21 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और एक जिला एक उत्पाद यानी ओडीओपी के तहत स्वरोजगार करने के लिए लोगों को लोन मुहैया कराने के लिए जिला उद्योग केंद्र से अप्रैल महीने में ही आवेदन मांगे गए। अब तक करीब 12 सौ लोगों ने आवेदन किए हैं। 

मार्च 2021 तक योजनाओं का संचालन

इन तीनों योजनाओं का संचालन मार्च 2021 तक होना है। इसलिए आवेदन की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। लेकिन सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में 69, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 109 और ओडीओपी में 40 लोगों को कर्ज देने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। जबकि पहले कहा जा रहा था कि सभी पात्र आवेदकों को कर्ज मिलेगा। बहरहाल, प्रयागराज को सबसे ज्यादा टारगेट मिलने का दावा है।

बोले, उद्योग उपायुक्त

उद्योग उपायुक्त अजय कुमार चौरसिया कहते हैं कि शासन ने लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। हालांकि बैंकों को लोन के लिए लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा पत्रावली भेजी जाती हैं। क्योंकि किसी के पास जमीन उपलब्ध न होने अथवा किसी के डिफाल्टर होने के भी तमाम मामले सामने आते हैं।


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