प्रतापगढ़ में बच्चों और अभिभावकों को भी ऑनलाइन दी जा रही संचारी रोगों पर नियंत्रण की जानकारी
जन सामान्य तक सभी जानकारियां पहुंचाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर दिमागी बुखार एवं अन्य संचारी रोगों से बचाव रोकथाम एवं उपचार की जानकारी दी जाएगी। इसमें सुरक्षित पीने का पानी शौचालय का प्रयोग खुले में शौच के नुकसान पर उन्हें जागरूक किया जाएगा।
प्रतापगढ़, जेएनएन। जिले के माध्यमिक स्कूलों के बच्चों व अभिभावकों को वाट्सएप ग्रुप के जरिए संचारी रोगों के नियंत्रण के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए एक अक्टूबर से अभियान चलाया जा रहा है। इसमें ऑनलाइन चित्रकला, पोस्टर, लोकगीत गायन, अंत्याक्षरी आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। इसमें कक्षा छह से 12 तक के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर सकेंगे।
31 अक्तूबर तक चलेगा अभियान
डीआइओएस ने कार्ययोजना बनाकर स्कूलों के प्रधानाचार्यों के पास भेजा है। संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनके त्वरित उपचार के लिए अभियान का तीसरा चरण एक से शुरू कर दिया गया है। यह 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इसमें साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जल भराव रोकने तथा शुद्ध पेय जल उपलब्धता पर विशेष जोर दिया जाएगा।
वाट्सएप ग्रुप से दी जाएगी जानकारी
जन सामान्य तक सभी जानकारियां पहुंचाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर दिमागी बुखार एवं अन्य संचारी रोगों से बचाव, रोकथाम एवं उपचार की जानकारी दी जाएगी। इसमें सुरक्षित पीने का पानी, शौचालय का प्रयोग, खुले में शौच के नुकसान पर उन्हें जागरूक किया जाएगा। इस दौरान लोगों को बताया जाएगा कि दिमागी बुखार के कारण क्या हैं, बुखार होने पर क्या करें, क्या न करें। व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा क्लोरिनेशन डेमा, पेयजल को उबालना, साबुन से हाथ धोना, शौचालय का प्रयोग करने आदि के विषय में जागरूक करेंगे।
होगी ऑनलाइन प्रतियोगिता
इसके साथ ही छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी। इसमें आनलाइन चित्रकला, पोस्टर प्रतियोगिता, अंत्याक्षरी प्रतियोगिता, लोकगीत गायन, जलजनित रोग से बचाव एवं उपचार की संगोष्ठी, क्विज प्रतियोगिता भी होगी। मामले पर बोले डीआइओएस इस बाबत डीआइओएस सर्वदानंद ने बताया कि जिले के सभी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों के माध्यम से संचारी रोग नियंत्रण अभियान अक्टूबर माह में चलाया जा रहा है। इसमें बच्चों की आनलाइन प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। इसके साथ ही वाट्स एप ग्रुप के माध्यम से बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा।